#अपराध
December 4, 2025
हिमाचल युवा कांग्रेस नेता म*र्डर केस- पुलिस की नाक के नीचे छिपे थे 3 आरोपी, अब हुए अरेस्ट
क्रॉस FIR में दर्ज था हत्या के प्रयास का केस, साइबर सेल की मदद से पकड़े गए
शेयर करें:

ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में युवा कांग्रेस नेता आशु पुरी की गोली मारकर की गई हत्या के 15 दिन बाद वो सच सामने आया है, जो पुलिस की कार्रवाई और कानून-व्यवस्था- दोनों पर बड़ा सवाल छोड़ जाता है। मामला इतना गंभीर था कि जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर आरोपी खुलेआम इधर-उधर घूमते रहे और पुलिस पूरे 15 दिन तक उन्हें ढूंढती रह गई।
फिर फोन कॉल और साइबर सेल की मदद से इन तीन आरोपियों का पता चल पाया है और ऊना पुलिस ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए उन 3आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने हमले की रात तलवार से वार किए थे और जिनके खिलाफ हत्या के प्रयास की क्रॉस FIR दर्ज थी। ये तीनों आरोपी उसी झड़प में शामिल थे, जिसमें बाद में गोली चलने से आशु पुरी की मौत हुई थी। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दीपांशु शर्मा, अभी पुरी और नीतीश के रूप में हुई है।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि तीनों आरोपी ऊना से कुछ ही दूरी पर पंजाब के रूपनगर में एक मकान में छिपे हुए थे। पुलिस को इनकी गिरफ्तारी में दो हफ्ते से ज्यादा लग गए। साइबर सेल ने तकनीकी सर्विलांस के जरिए लोकेशन ट्रैक की, जिसके बाद पुलिस टीम ने टिब्बी साहिब गुरुद्वारा के पास से दीपांशु को पकड़ा और बाकी दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। तीनों से तीन मोबाइल और एक कार भी बरामद की गई है।
पूरा मामला 19 नवंबर की रात उस समय शुरू हुआ, जब ऊना के लालसिंघी में कांग्रेस नेता के होटल के बाहर बर्थडे पार्टी के बाद दो गुटों में झड़प हुई। तनाव इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई से निकलकर गोली तक पहुंच गई। गोली चलने से युवा कांग्रेस नेता आशु पुरी की मौके पर मौत हो गई थी। इसके बाद इलाके की राजनीति और कानून-व्यवस्था दोनों हिल गई थीं।
इस हत्याकांड में गुरजीत सिंह, पुरजिंदर सिंह और परमिंदर सिंह मुख्य आरोपी हैं। गुरजीत पुलिस की गिरफ्त में है, जबकि पुरजिंदर और परमिंदर अभी भी PGI चंडीगढ़ में उपचाराधीन हैं। वीडियो फुटेज में आशु पुरी अपने छह साथियों के साथ दिखाई दिए थे, जिसके आधार पर पुलिस ने सभी सात पर हत्या के प्रयास का केस भी दर्ज किया है।