#अपराध
June 13, 2025
हिमाचल : महिला प्रधान के पति ने मांगी 10 लाख की रिश्वत, कोर्ट ने दोनों को सुनाई जेल की सजा
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था प्रधान का पति
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा स्थित धर्मशाला की विशेष अदालत ने ग्राम पंचायत काठगढ़ की पूर्व प्रधान मन्जू बाला और उनके पति धरम पाल को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया है। बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधान दंपती ने NOC देने की एवज में लाखों की डिमांड की थी, जिसके बाद उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया था।
यह मामला साल 2013 का है, जब गुरदासपुर के निवासी देविंदर सलारिया ने धर्मशाला स्थित सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। देविंदर अपनी मां की जमीन पर स्टोन क्रशर लगाना चाहते थे, जिसके लिए पंचायत से एनओसी लेनी थी।
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उन्होंने प्रधान मन्जू बाला से संपर्क किया, लेकिन प्रधान ने बात करने के लिए पति धरम पाल से मिलने को कहा। धरम पाल ने NOC देने की एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और पहले 5 लाख की डिमांड की।
रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया था आरोपी
शिकायत के आधार पर 19 अप्रैल 2013 को निरीक्षक जगदीश चंद की अगुवाई में विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और धरम पाल को रिश्वत की 5 लाख रुपये की रकम लेते हुए मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया।
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कोर्ट ने सुनाई ये सजा
विशेष न्यायाधीश राजीव बाली की अदालत ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को दोषी पाया। धरम पाल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत छह-छह महीने की कैद और 5-5 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जबकि मन्जू बाला को धारा 10 के तहत छह महीने और धारा 13(2) के तहत एक साल की कैद के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक बड़ा संदेश
इस फैसले के बाद जिला अभियोजन अधिकारी देवेंद्र चौधरी ने कहा कि यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है। गांव की सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता अब और भी ज्यादा महसूस की जा रही है।