#अपराध
July 2, 2025
मंत्री जी की सफाई: NHAI का अधिकारी झूठ बोल रहा- कितनी देर अस्पताल में था ?
राजनीतिक और प्रशासनिक मोर्चों पर तूल पकड़ रहा मामला
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने उन पर लगे मारपीट के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यह एफआईआर एक सोची-समझी साजिश के तहत दर्ज करवाई गई है, ताकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI की लापरवाही से गिरे पांच मंजिला भवन के मामले को दबाया जा सके।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वह जल्द ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस पूरे मामले पर मुलाकात करेंगे। उन्होंने एनएचएआई और संबंधित ठेकेदारों पर गलत ढंग से सड़क कटिंग करने और सुरक्षा नियमों की अनदेखी के आरोप लगाए।
उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण लोग अपने घर, ज़मीन और परिवार को खो रहे हैं, जबकि एनएचएआई सिर्फ मुआवज़ा देने की बात करके मामले से पल्ला झाड़ रहा है।
मंत्री ने सवाल उठाया कि क्या केवल मुआवजा देना ही समाधान है? उन्होंने कहा कि डीसी और एसडीएम कार्यालयों में हजारों शिकायतें पड़ी हैं, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है जब राष्ट्रस्तर पर सड़क निर्माण से जुड़ी नीतियों में आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि NHAI के अधिकारी लोगों की समस्याओं से पूरी तरह से कटे हुए हैं। वे केवल आपदा प्रबंधन की औपचारिक बैठकों में भाग लेते हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत से उनका कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि NHAI के अधिकारी और ठेकेदार आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और जब उनसे जवाब मांगा जाता है तो उल्टा झूठे आरोप लगाकर एफआईआर करवा दी जाती है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वन विभाग और राजस्व विभाग ने भी NHAI के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिससे यह साफ होता है कि निर्माण कार्य में कई स्तरों पर गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने पूरा सिस्टम ही जनविरोधी करार दिया।
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर पर भी पलटवार किया और कहा कि वह केन्द्र सरकार से हिमाचल के लिए ठोस मदद क्यों नहीं लेते? उन्होंने कहा कि केवल बयानबाज़ी करने से कुछ नहीं होगा, प्रदेश के लोगों का दर्द समझना और उसका समाधान लाना असली नेतृत्व होता है।