#अपराध

September 10, 2025

हिमाचल : मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स-स्टाफ से की बदसलूकी, हटाने की उठी मांग

राज्यपाल ने किया उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन

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Principal Misconduct Case

हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों से आए दिन कहीं न कहीं विद्यार्थियों, प्रशिक्षुओं द्वारा स्टाफ पर गलत व्यवहार करने के आरोप लगाने के मामले सामने आते रहते हैं। ताजा मामला प्रदेश के जिला हमीरपुर से सामने आया है, जहां मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल पर महिला प्रशिक्षुओं और स्टाफ ने अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।

उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन

जानकारी के अनुसार, आरोपों की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, गठित कमेटी में डॉ. राकेश शर्मा (निदेशक, मेडिकल एजुकेशन, हिमाचल प्रदेश), डॉ. मिलाप शर्मा (प्रिंसिपल, राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा), डॉ. प्रवीन कुमार शर्मा और डॉ. ऋतु शिलाक (प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज) को शामिल किया गया है।

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छात्राओं व स्टाफ के बयान दर्ज

यह कमेटी बीते कल यानी मंगलवार को अस्पताल पहुंची और आरोप लगाने वाली छात्राओं व स्टाफ के बयान दर्ज किए। फिलहाल प्रिंसिपल डॉ. रमेश भारती से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि डॉ. भारती का व्यवहार लंबे समय से अनुचित रहा है और छात्राओं को इसका सामना करना पड़ा है।

विधायक ने भी जड़े आरोप

इस मुद्दे पर हमीरपुर के बड़सर से भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने भी आवाज उठाई है। विधायक ने कहा कि, प्रिंसिपल के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं और ऐसे व्यक्ति का इस संसथान में रहना अब उचित नहीं है। साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाया कि, अधिकारी न केवल महिला प्रशिक्षुओं और स्टाफ से दुर्व्यवहार करता है बल्कि भ्रष्टाचार के मामलों में भी शामिल रहा है।

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विधायक लखनपाल ने मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठाए और कहा कि न जाने मुख्यमंत्री को इस अधिकारी से क्या लगाव है, जो बार-बार इन्हें हमीरपुर में तैनाती दी जाती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से इस अधिकारी को पद से हटाना चाहिए।

पहले भी रह चुके हैं विवादों में

गौर करने वाली बात यह है कि, डॉ. रमेश भारती इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। टांडा और चंबा मेडिकल कॉलेजों में भी उन पर गंभीर शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। विधायक का कहना है कि ऐसे विवादित व्यक्ति को जिम्मेदारीपूर्ण पद पर बनाए रखना संस्थान की छवि और छात्राओं की सुरक्षा दोनों के साथ खिलवाड़ है।

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