#अपराध

May 22, 2025

हिमाचल: सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रिंसिपल की काली करतूत, छात्राओं से करता था नीचता

छात्राओं को गलत संदेश भेजने, कॉल करने और धमकाने के आरोप

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Engineering College Principal

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के एक प्रतिष्ठित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्राओं के यौन उत्पीड़न और अनैतिक व्यवहार के गंभीर आरोपों ने एक बार फिर शिक्षा जगत को हिला कर रख दिया है। मामला हिमाचल के बिलासपुर जिला के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज का है। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब इसी कॉलेज की एक पूर्व छात्रा ने तकनीकी शिक्षा निदेशालय को शिकायत सौंपी। 

निदेशक पर लगाए गंभीर आरोप

अपनी शिकायत में पूर्व छात्रा ने कॉलेज के निदेशक पद पर तैनात एक वरिष्ठ शिक्षक पर छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार करने, अशोभनीय संदेश भेजने, धमकाने और एक बीमार छात्रा के साथ अस्पताल में अभद्रता करने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शिकायतकर्ता, पीड़ितों और आरोपी के नाम गोपनीय रखे गए हैं।

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अश्लील संदेश, कॉल करने के आरोप

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी शिक्षक पहले एक अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत था, वहां भी उस पर खिलाफ छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार के आरोप लगे थे। इसके बावजूद उनकी नियुक्ति वर्तमान कॉलेज में निदेशक के पद पर कर दी गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी कई छात्राओं को व्हाट्सएप पर अश्लील संदेश भेजता है, उन्हें बार बार कॉल करता है और जवाब ना मिलने पर उन्हें धमकियां भी देता है।

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वीडियो भी आया सामने

सबसे गंभीर आरोप एक वीडियो से संबंधित है, जिसमें आरोपी को एक बीमार छात्रा के साथ अस्पताल में अनुचित व्यवहार करते हुए देखा गया। आरोपी अस्पताल में एक बीमार छात्रा के बिस्तर पर बैठा है और छात्रा द्वारा ओढ़े कंबल के नीचे से छात्रा के शरीर को छू रहा है। इस दौरान आरोपी के हाव भाव से पता चल रहा है कि वह आसपास देख रहा है कि कोई उस पर नजर तो नहीं रख रहा है। हालांकि, सामने से किसी ने यह वीडियो शूट किया है। वीडियो कब का है इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि यह वीडियो कॉलेज के कई छात्रों और शिक्षकों के पास मौजूद है, लेकिन कोई भी डर और दबाव के चलते खुलकर सामने नहीं आ रहा है।

मामले की जांच को समिति गठित

पूर्व छात्रा की शिकायत मिलने के बाद तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति का गठन किया। समिति ने तुरंत जांच शुरू कर दी, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अन्य संबंधित पक्षों से बातचीत की गई। जांच समिति की अध्यक्ष, एचओडी एप्लाइड साइंस, विभा शर्मा ने बताया कि मामला अत्यंत संवेदनशील है, इसलिए जांच प्रक्रिया को गोपनीय रखा गया है।

 

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उन्होंने कहा कि हमने छात्रों और अन्य गवाहों से आवश्यक जानकारी एकत्र की है। बच्चों की परीक्षाओं और समिति सदस्यों की अन्य जिम्मेदारियों के कारण रिपोर्ट तैयार करने में थोड़ा समय लगा, लेकिन जल्द ही सभी सदस्यों की बैठक आयोजित कर अंतिम रिपोर्ट निदेशालय को सौंप दी जाएगी।

महिला आयोग से हस्तक्षेप की मांग

वहीं शिकायतकर्ता ने इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी मांग है कि पीड़ित छात्राओं को न्याय मिले और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की, जिसके कारण पीड़ित छात्राएं खुलकर बोलने से डर रही हैं।

 

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आरोपी को राजनीतिक संरक्षण

सूत्रों के अनुसार आरोपी निदेशक को एक प्रभावशाली राजनीतिक नेता का समर्थन प्राप्त है, जिसके चलते उन्हें इतने गंभीर आरोपों के बावजूद उच्च पद पर नियुक्त किया गया। यह भी कहा जा रहा है कि इस राजनीतिक संरक्षण के कारण जांच प्रक्रिया में देरी हो रही है और कई लोग इस मामले में खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं।

कॉलेज का माहौल तनावपूर्ण

इस घटना ने कॉलेज के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। छात्रों में डर और असुरक्षा का माहौल है, खासकर महिला छात्राओं में। कई छात्रों ने अनौपचारिक रूप से बताया कि वे इस तरह के व्यवहार से लंबे समय से परेशान थे, लेकिन शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। कुछ शिक्षकों ने भी मामले की गंभीरता को स्वीकार किया, लेकिन वे आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

 

जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय द्वारा अगली कार्रवाई तय की जाएगी। यदि आरोप सिद्ध होते हैंए तो आरोपी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आरोपी को निलंबित या बर्खास्त भी किया जा सकता है। 

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