#अपराध
May 22, 2025
हिमाचल : 15 साल से सरकारी नौकरी के मजे लूट रही थी टीचर, अपने ही करीबी ने की शिकायत- फूटा भंडा
पूछताछ में महिला ने स्वीकार की अपनी गलती
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक महिला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राथमिक शिक्षक के पद पर लगभग 15 वर्षों तक नौकरी की। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने महिला टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
आपको बता दें कि विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर महिला शिक्षक को आधिकारिक रूप से बर्खास्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान महिला ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला वर्ष 2006 से जुड़ा है- जब प्रारंभिक शिक्षा विभाग में एक विशेष योजना के तहत शिक्षकों की भर्ती की गई थी। उसी समय उक्त महिला ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक पद हासिल कर लिया। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन वर्ष 2020 में जब योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हुई, तब उसके दस्तावेजों को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ।
इस मामले ने तब गंभीर मोड़ लिया, जब महिला के ही परिवार के एक सदस्य ने राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो और शिक्षा विभाग के पास लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में महिला द्वारा इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए गए थे।
शिकायत मिलते ही विभाग ने जांच शुरू कर दी। बढ़ते दबाव और मामले के उजागर होने की आशंका के बीच वर्ष 2021 में महिला ने खुद ही शिक्षक पद से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन विभागीय कार्रवाई फिर भी जारी रही। बीते दिन 20 मई को जांच प्रक्रिया पूरी हुई, जिसमें महिला पर लगे आरोपों को सत्य पाया गया।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक ने पुष्टि करते हुए बताया कि महिला ने पूछताछ के दौरान गलती स्वीकार कर ली है। इसके बाद नियमानुसार उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।