#अपराध

November 19, 2025

फर्जी नंबर और जाली कागज- हिमाचल में स्कूली बच्चों को ला रही थी बस, RTO ने पकड़ा

परवाणू एआरटीओ बैरियर पर बड़ा खुलासा

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Parwanoo Fake Bus Case

सोलन हिमाचल प्रदेश इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। मगर इस बीच बाहरी राज्य से कुछ लोग फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर टूरिस्ट गाड़ी हिमाचल में लेकर आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिला सोलन से सामने आया है, जहां एक बस फर्जी नंबर प्लेट और नकली दस्तावेजों के सहारे बच्चों को लेकर सड़क पर दौड़ती पाई गई।

टैक्स चेकिंग के दौरान खुला पूरा भेद

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोलन जिला के परवाणू शहर में एआरटीओ बैरियर पर एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ, जब यह बस चंडीगढ़ से स्कूली बच्चों को कसौली ले जा रही थी, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर चिंताएं खड़ी हो गई हैं।

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दरअसल, एआरटीओ टीम ने टैक्स वेरिफिकेशन के लिए संदिग्ध बस नंबर DD 01 N-9435 को रोका। जब सिस्टम में उसकी ऑनलाइन जांच की गई तो पता चला कि इसी नंबर पर जून 2024 का 50 हजार रुपये का चालान पहले से लंबित है।

जानबूझकर मिटाया था चेसिस नंबर

अनियमितता का संदेह गहरा हुआ तो टीम ने बस से जुड़े अन्य दस्तावेज मांगे। तभी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया कि बस के कागजात नकली निकले और नंबर प्लेट भी असली नहीं थी। तलाशी के दौरान पाया गया कि, बस का चेसिस नंबर जानबूझकर मिटाया गया था।

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इंजन पर लगी पहचान प्लेट की जांच से पता चला कि बस असल में पंजाब में रजिस्टर्ड है, जबकि नंबर प्लेट अहमदाबाद गुजरात की लगाई गई थी। जिससे स्पष्ट हो गया कि बस कई स्तर पर फर्जी पहचान बनाकर चल रही थी।

ड्राइवर मौके से फरार

एआरटीओ की टीम ने जब गुजरात के अहमदाबाद में उक्त नंबर वाली वास्तविक बस के मालिक कार्तिक से संपर्क किया, तो उन्होंने पुष्टि की कि उनकी बस के सभी कागजात सही हैं और वाहन वहीं खड़ा है। उन्होंने बताया कि वे पहले ही साबरमती थाने में शिकायत दे चुके हैं कि उनकी बस के नंबर का कोई गलत इस्तेमाल कर रहा है।

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जांच के दौरान जैसे ही बस चालक को फर्जीवाड़े की जानकारी का अंदेशा हुआ, वह मौका पाकर भाग निकला। उधर, बस में बैठे स्कूली बच्चे डर में थे। एआरटीओ टीम ने तुरंत दूसरी सुरक्षित गाड़ी का इंतजाम कर बच्चों को कसौली भेजा।

बस का कटा मोटा चालान

एआरटीओ तुलाराम ने पुष्टि की कि बस को जब्त कर लिया गया है, लंबित चालान मिलाकर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया और मामला परवाणू पुलिस थाने को सौंप दिया गया है। पुलिस अब फरार ड्राइवर और इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।

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