#अपराध
July 16, 2025
हिमाचल में नकली दवा फैक्ट्री का पर्दाफाश, पूरे देश में कर रहे थे गलत दवाइयां सप्लाई
कैप्सूल व प्रिंटिंग मशीन हुई जब्त
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में नकली दवाओं के एक संगठित रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने देहरा के औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टेरेस में स्थित एक फार्मा यूनिट ‘क्यूरेक्स फार्मा’ पर छापा मारकर नकली दवाओं का बड़ा जखीरा बरामद किया है।
यह कार्रवाई देहरा पुलिस द्वारा एक दवा निर्माता कंपनी की शिकायत पर की गई, जिसमें ‘कामराज कैप्सूल’ के कॉपीराइट उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया गया था। पुलिस टीम द्वारा ये रेड SHO संसारपुर टेरेस के नेतृत्व में ड्रग विभाग, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और पुलिस टीम की मौजूदगी में की गई है।
देहरा SP मयंक चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस फार्मा यूनिट से देशभर में नकली दवाइयों की सप्लाई की जा रही थी, जिसमें सबसे अधिक सप्लाई पंजाब भेजी जा रही थी। ये लोग गलत दवाइयां सप्लाई कर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। ये लोग मरीजों को दवाइयां नहीं जहर सप्लाई कर रहे थे।
रेड के दौरान पुलिस ने नकली दवाओं के निर्माण और पैकिंग से जुड़े उपकरणों और सामग्रियों को जब्त किया। इसमें शामिल हैं-
ये सभी सामान नकली दवा तैयार करने, ब्रांड की हूबहू नकल करके उसे असली की तरह पैक करने और फिर बाजार में उतारने के मकसद से इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस टीम ने सभी सामान अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
मामले में पुलिस टीम ने BNS की धारा 318(4), 61(2) और कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 63 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस टीम द्वारा मामले की गहन जांच शुरू की जा रही है। साथ ही यूनिट में काम करने वाले कर्मचारियों व सप्लाई चैन से जुड़े लोगों की पहचान की जा रही है।
मामले के उजागर होने पर लोगों का कहना है कि यह घटना न सिर्फ कानूनी उल्लंघन है, बल्कि लाखों लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती थी। नकली दवाएं कई बार घातक साइड इफेक्ट्स या इलाज में विफलता का कारण बनती हैं, जिससे आम जन की जान जोखिम में पड़ती है।
वहीं, पुलिस ने आम जनता से नकली दवाओं की पहचान होने पर तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना देने की अपील की है। इसके साथ ही प्रशासन ने फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोर मालिकों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी अनाधिकृत स्रोत से दवा खरीदने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।