#अपराध
May 27, 2025
हिमाचल : मायके से कम दहेज लाने पर शराबी पति रोज करता रहा पत्नी की पिटाई, तंग आकर पहुंची थाने
2023 में हुई थी शादी- तब से ही शुरू हुआ उत्पीड़न
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ऊना। हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के शारीरिक शोषण से लेकर घरेलू हिंसा तक के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कई बार दहेज के लिए तो कभी अन्य कारणों से महिलाएं अपने ससुराल में भी प्रताड़ित की जाती हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल के ऊना जिला से सामने आया है- यहां एक महिला ने ससुराल वालों पर दहेज के नाम पर मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है।
महिला ने पुलिस थाने में अपने पति, ससुर, सास और परिवार की अन्य दो महिलाओं के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया है। वहीं, पुलिस टीम ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उसकी शादी वर्ष 2023 में मजारा गांव निवासी रणजीत सिंह से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल वालों ने दहेज की मांगें शुरू कर दीं और जब वह पूरी नहीं हो पाईं, तो उसके साथ शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का सिलसिला शुरू हो गया।
पीड़िता ने बताया कि उसका पति अकसर शराब के नशे में धुत होकर उसके साथ मारपीट करता और अपशब्द कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है। कई बार उसने यह सब सहन कर अपनी मां को नहीं बताया, लेकिन जब सहनशक्ति की सीमा पार हो गई तो उसने देहलां स्थित मायके में अपनी माता को सब कुछ बताया।
उसने बताया कि बीती 25 मई को पीड़िता की शिकायत पर देहलां पंचायत और मायका पक्ष के लोग मजारा गांव पहुंचे- जहां मजारा पंचायत की उपस्थिति में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। बातचीत के दौरान पति रणजीत, सास कुलविन्द्र और ससुर संतोख सिंह ने अपनी गलती स्वीकार की और आगे से ऐसा न करने का आश्वासन दिया। मगर जब देहलां की पंचायत और मायका पक्ष वापस लौट गया, तो ससुराल वालों ने फिर से अपना क्रूर रूप दिखाया।
पीड़िता के अनुसार, उसी शाम पति, सास, ससुर और दो अन्य महिलाओं ने उसकी फिर से बेरहमी से पिटाई की। इस बार तो उसे अपनी जान बचाने के लिए एक साल की मासूम बेटी को साथ लेकर मायके की ओर भागना पड़ा।
पीड़िता ने मैहतपुर पुलिस थाना में आकर पूरे घटनाक्रम की लिखित शिकायत दी, जिसके बाद धारा 498A और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। मामले की पुष्टि करते हुए ASP सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर पति रणजीत सिंह, ससुर संतोख सिंह, सास कुलविन्द्र कौर और दो अन्य महिलाओं के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि पीड़िता के मेडिकल परीक्षण, गवाहों के बयान और पंचायतों की उपस्थिति में हुए कथित समझौते सहित सभी तथ्यों की गंभीरता से जांच की जा रही है।
इस घटना का सबसे संवेदनशील पहलू यह है कि पीड़िता एक साल की बेटी की मां है और वह बिना किसी आर्थिक या सामाजिक सुरक्षा के अपने मायके में शरण लेने को मजबूर हो गई है। लोगों का कहना है कि क्यों आज भी दहेज जैसी सामाजिक बुराई घरों को उजाड़ रही है और क्यों ससुराल पक्ष के खिलाफ पंचायती स्तर पर की गई कार्रवाई या आश्वासन भी कारगर नहीं हो पा रहे हैं।