#अपराध
June 1, 2025
हिमाचल : जासूस अभिषेक ने किए खुलासे- लॉरेंस गैंग से मिली थी धमकी, फिर बने पाकिस्तानी कनेक्शन
सेना, बीएसएफ, आईबी और एनआईए की टीमों ने शुरू की जांच
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के देहरा उपमंडल से गिरफ्तार हुए जासूसी के आरोपी अभिषेक सिंह भारद्वाज को लेकर लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सुकाहर गांव के रहने वाले 19 वर्षीय इस युवक ने कथित तौर पर पाकिस्तान के संदिग्ध एजेंटों से संपर्क किया था।
अब पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि उसे कुछ स्थानीय युवकों ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से शूट करवाने की धमकी दी थी। जिसके बाद इस मामले में एक नई परत खुलती दिखाई दे रही है।
धमकियों के दबाव में पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क
पुलिस के मुताबिक, अभिषेक को इन धमकियों के बाद सोशल मीडिया के ज़रिए पाकिस्तान के एजेंटों से संपर्क करते हुए पाया गया। फेसबुक के जरिए बातचीत शुरू हुई, जिसमें उसे धर्म परिवर्तन और नौकरी का लालच दिया गया। आरोपी ने कथित रूप से कलमा भी सीखा और इस्लाम धर्म में रुचि लेने लगा। एजेंटों ने उससे बॉर्डर से जुड़ी जानकारियां और इलाकों की रेकी जैसी सूचनाएं मांगीं।
सोशल मीडिया पर हथियारों के वीडियो और फोटो
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि अभिषेक ने 11 जून 2024 को फेसबुक पर हथियारों का एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें पिस्टल, AK-47 राइफलें और गोलियां साफ नजर आ रही थीं। कुछ दिन पहले उसने अपने प्रोफाइल पर हथियारों की फोटो भी पोस्ट की थीं। इन सबके चलते पुलिस ने उसके सोशल मीडिया खातों और मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। कई संदिग्ध चैट्स डिलीट पाई गई हैं।
पांच दिन की रिमांड पर, कोर्ट में दोबारा पेश होगा आरोपी
एसपी देहरा मयंक चौधरी के अनुसार, अभिषेक को 28 मई को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश करने के बाद पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। 2 जून को उसे दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब सेना, बीएसएफ, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीमें भी जांच में शामिल हो चुकी हैं।
अब कई कोणों से जांच की जा रही
पुलिस इस मामले में धर्म परिवर्तन के पीछे की मंशा, पाकिस्तानी लिंक, हथियारों के प्रति रुझान और गैंगस्टर कनेक्शन—सभी एंगल से जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार यह मामला केवल जासूसी का ही नहीं, बल्कि साइबर चरमपंथ और सोशल मीडिया रैडिकलाइजेशन का भी प्रतीक बनता दिख रहा है। जांच पूरी होने पर इससे जुड़े और भी बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है