#अपराध
December 14, 2025
हिमाचल : बस स्टॉप पर चिट्टा सप्लाई करने आए थे दो यार, ग्राहक से पहले पहुंच गई पुलिस की गाड़ी
सुबह-सवेरे चिट्टे के साथ धरे गए दो नशा तस्कर
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। पुलिस की कड़ी निगरानी के बावजूद नशा तस्कर नए-नए तरीके अपना कर नशे की खरीद-फरोख्त करने में लगे हुए हैं। मगर पुलिस टीम ने भी हिमाचल को नशा मुक्त बनाने की मुहीम छेड़ रखी है।
ताजा मामला बिलासपुर जिले से सामने आया है- जहां पुलिस टीम ने नशे के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस टीम ने बस स्टॉप से दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनसे चिट्टे की खेप भी बरामद की है।
पुलिस ने ये कार्रवाई आज सुबह-सवेरे की है। दोनों तस्कर करमाला बस स्टॉप के पास खड़े थे। पेट्रोलिंग पर निकली पुलिस टीम ने शक के आधार पर उनकी तलाशी ली- तो उनका भंडा फूट गया। तलाशी के दौरान पुलिस टीम को उनके कब्जे से 30 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ- जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों रुपये में बताई जा रही है।
इसके बाद पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी हिमाचल के रहने वाले हैं। आरोपियों की पहतचान-
मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट की धारा 21 और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को अदालत में पेश करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जल्द दोनों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
फिलहाल, पुलिस टीम ये पता लगाने में जुटी हुई है कि दोनों ये खेप कहां से लेकर आए थे और आगे किसे बेचने वाले थे। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के रिकॉर्ड और कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। माना जा रहा है कि दोनों आरोपी नशा तस्करी के किसी बड़े का नेटवर्क हिस्सा हो सकते हैं।
वहीं, पुलिस टीम ने आम जनता से अपील की है कि हिमाचल को नशा मुक्त बनाने में पुलिस का सहयोग करें। किसी को भी अगर कोई नशा खरीदते या नशा बेचते दिखाई देता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करे। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
गौरतलब है कि हिमाचल में नशे का कारोबार जिस तेजी से फैल रहा है, वह अब केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने वाली एक गंभीर चेतावनी बन चुका है। हालात इतने खतरनाक हो चुके हैं कि अब इस अवैध धंधे में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी सक्रिय रूप से शामिल पाई जा रही हैं।
कई मामलों में तो पूरा परिवार ही चिट्टे के काले कारोबार में लिप्त मिला है-किसी के घर से सप्लाई का काम होता है, कोई पैसे का लेन-देन संभालता है और कुछ युवक-युवतियां डिलीवरी तक पहुंचाने का रोल निभाते हैं। महिलाएं अक्सर शक से बचने के लिए "कूरियर" की भूमिका निभाती हैं और सुरक्षित जोन माने जाने वाले इलाकों में आसानी से पहुंचकर सौदा निपटा देती हैं। इस वजह से नेटवर्क और भी मजबूत और पकड़ में आने में कठिन हो जाता है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन मामलों में नशे का प्रभाव केवल बाहरी सप्लायरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्थानीय युवक भी चिट्टे की चपेट में आकर धीरे-धीरे खुद डीलर बनने लगे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जब एक परिवार का सदस्य नशे में फंसता है, तो धीरे-धीरे घर के बाकी लोग भी या तो उसकी "हेल्प" करने के नाम पर शामिल हो जाते हैं, या लालच में यह धंधा पकड़ लेते हैं।