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May 18, 2025

हिमाचल : जेल में चिट्टा तस्कर पोता, नशे में बेसुध बेटा- बूढ़ी सास ने निभाई बहू के अंतिम संस्कार की रस्में

बुजुर्ग सास की विवशता ने सभी को झकझोर दिया

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Hamirpur News

हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक ऐसा हृदयविदारक मामला सामने आया है, जिसने नशे के कहर की गंभीरता को समाज के सामने बयां कर दिया है। यहां नशे की लत और अपराध ने एक पूरे परिवार को ऐसा तोड़ दिया कि मां ने बेटे की जेल में होने के गम में दम तोड़ दिया, पति शराब के नशे में बेसुध रहा और अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी 85 वर्षीय बुजुर्ग सास के कंधों पर आ गई।

चिट्टा तस्करी में सलाखों के पीछे थे बेटा

घटना जिला मुख्यालय के नजदीकी एक मोहल्ले की है, जहां एक महिला अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद से लगातार मानसिक तनाव में जी रही थी। बेटे को एक वर्ष पहले ऊना में चिट्टा तस्करी के मामले में पकड़ा गया था। हालात ऐसे थे कि महिला की मौत के वक्त भी उसके पति नशे में इतना धुत था कि वो श्मशानघाट तक नहीं जा सका।

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दुख नहीं सहन कर पाई मां

इसके बाद से वह कोशिश करती रही कि उसका बेटा इस अंधेरे रास्ते से बाहर निकल आए, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। हाल ही में हमीरपुर में एक बार फिर बड़ी मात्रा में चिट्टा मिलने के बाद आरोपी युवक को घर से गिरफ्तार किया गया।

 

इस बार खुलासा हुआ कि उसने अपनी मां के बैंक खातों का इस्तेमाल नशा तस्करी के लेन-देन के लिए किया था। मां इस बात से पूरी तरह अनजान थी, लेकिन जब पुलिस ने पूछताछ की और जांच सामने आई, तो यह दर्द उसकी सहनशक्ति से बाहर हो गया।

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मां ने तोड़ा दम

बेटे की गिरफ्तारी, समाज की बातें और अंदर ही अंदर घुलती पीड़ा ने आखिरकार महिला की सांसें छीन लीं। सुबह जब पड़ोसियों ने दरवाजा नहीं खुला देखा, तो आवाज लगाई। घर के भीतर दाखिल होने पर देखा कि महिला का शव पड़ा है और पास में उसका पति नशे में लथपथ बेसुध पड़ा है।

 

महिला की 85 वर्षीय सास ही एकमात्र होश में थी। उन्होंने पड़ोसियों को बुलाया और रिश्तेदारों को सूचना दी। रिश्तेदारों ने कोर्ट से अपील कर आरोपी बेटे को छह घंटे की अस्थायी रिहाई दिलवाई ताकि वह मां को अंतिम विदाई दे सके। हालांकि, उसे नियमित पैरोल नहीं मिल पाई क्योंकि वह अंडर ट्रायल कैदी है और पैरोल के लिए जरूरी शर्तें पूरी नहीं हुईं। 

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पति को भी नशे की लत

कोर्ट में गारंटर की जरूरत थी, लेकिन उसका पिता-जो खुद भी नशे का शिकार है- ने बेटे की जमानत में सहयोग से इनकार कर दिया। गारंटी देने के लिए संपत्ति रिकॉर्ड देना पड़ता है, लेकिन पिता ने जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। रिश्तेदारों ने महिला के बेटे को जेल से कुछ घंटों के लिए रिहा करवाकर श्मशानघाट लाया, जहां पर उसने मां को मुखाग्नि दी। इसके बाद पुलिस उसे दोबारा जेल ले गई।

नशे ने घर को अंधेरे में धकेला

इस तरह तीन पीढ़ियों का यह परिवार नशे की लत और अपराध के चलते लगभग पूरी तरह बिखर गया। एक मां, जो बेटे को सुधारने के लिए जी रही थी, उसकी मृत्यु हो गई। पति नशे में खो चुका है और बेटे की गिरफ्तारी ने घर को अंधेरे में धकेल दिया है। बुजुर्ग सास की विवशता ने सभी को झकझोर दिया- जिसने अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारी निभाई, क्योंकि उसका बेटा और पोता नशे की गहराई में डूब चुके हैं।

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