#अपराध
February 2, 2025
हिमाचल : कार में चरस की खेप ले जा रहे थे दो दोस्त, बीच रास्ते में हुए अरेस्ट
पुलिस को देख घबराने लगे दोनों युवक
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा नशा तस्करों पर पैनी नजर रखी जा रही है। हिमाचल को नशा मुक्त बनाने की मुहिम के तहत पुलिस टीम आए दिन तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल रही है। इसी कड़ी में ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से सामने आया है।
यहां भगेड़ क्षेत्र में जिला पुलिस की स्पेशल डिटेक्शन टीम ने नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई अमल में लाई है। पुलिस टीम ने चरस की खेप के साथ दो युवकों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस टीम ने भगेड़ क्षेत्र में नाकाबंदी की हुई थी। इस दौरान पुलिस टीम ने एक गाड़ी को चैकिंग के लिए रोका। गाड़ी में सवार दोनों युवक पुलिस को देखकर घबरा गए।
पुलिस टीम ने शक के आधार पर युवकों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस टीम को उनके कब्जे से 307.8 ग्राम चरस बरामद हुई। इसके बाद पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खेप को अपने कब्जे में लेकर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। युवकों से बरामद की गई चरस की कीमत लाखों रुपए में बताई जा रही है।
दोनों आरोपी युवक झंडूता के बहन जट्टा के रहने वाले हैं। आरोपियों की पहचान-
मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
पुलिस टीम द्वारा आरोपियों से पूछताछ कर उनके साथ इस काले कारोबार में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता लगाया जाएगा। नशे के कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा। उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ में किसी बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
वहीं, लोगों का कहना है कि हिमाचल की सीमाएं पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से सटी हुई हैं- जहां से नशीले पदार्थों की तस्करी आसानी से हो रही है। पंजाब और हरियाणा से चरस, अफीम और सिंथेटिक ड्रग्स की खेप हिमाचल तक पहुंचाई जाती है। विशेष रूप से कुल्लू, मनाली, मंडी, और कांगड़ा जैसे पर्यटन स्थलों को तस्करी के अड्डों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस समस्या को रोकने के लिए सीमावर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी और पुलिस बल की सक्रियता बढ़ाने की आवश्यकता है।