#अपराध
December 25, 2025
हिमाचल पुलिस का 'खौफ' : रेन शेल्टर में चरस से भरा बैग छोड़ भागा तस्कर, बेचने का प्लान फेल
तस्कर की तलाश में जुटी पुलिस- खंगाले जा रहे CCTV
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कुल्लू। हिमाचल में नशे का फैलता जाल अब सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बाहरी राज्यों से आने वाले तस्कर इस पूरे नेटवर्क की रीढ़ बन चुके हैं। हाल के महीनों में पुलिस की लगातार कार्रवाईयों ने एक कड़वी हकीकत उजागर की है। हिमाचल में चिट्टा व चरस सप्लाई करने वाले ज्यादातर बड़े खिलाड़ी पड़ोसी राज्यों से जुड़े हैं, जो पहाड़ी क्षेत्रों को सुरक्षित ठिकाना मानकर यहां अपना नेटवर्क फैला रहे हैं।
ताजा मामला कुल्लू जिले से सामने आया है। यहां भुंतर के बड़ा भूईन क्षेत्र में पुलिस ने एक रेन शेल्टर से लावारिस हालत में पड़े बैग से एक किलो 100 ग्राम चरस बरामद की है। बरामद की गई चरस की मात्रा को देखते हुए यह साफ है कि यह किसी छोटे उपभोक्ता की नहीं, बल्कि संगठित तस्करी से जुड़ा मामला हो सकता है।
जानकारी के अनुसार भुंतर पुलिस टीम नियमित गश्त पर थी। इसी दौरान बड़ा भूईन में एक रेन शेल्टर के भीतर रखा एक बैग पुलिस को संदिग्ध लगा। आसपास कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था और बैग काफी समय से वहां पड़ा प्रतीत हो रहा था। संदेह के आधार पर जब पुलिस ने बैग की तलाशी ली तो उसके भीतर भारी मात्रा में चरस पाई गई। तुरंत इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई और बरामदगी को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई।
इस मामले में पुलिस थाना बंजार में NDPS एक्ट के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। SP कुल्लू मदन लाल कौशल ने बताया कि यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि चरस वहां तक कैसे पहुंची और किस उद्देश्य से उसे रेन शेल्टर में छोड़ा गया। पुलिस आसपास के क्षेत्रों में लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा सके। इसके अलावा स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
इस बरामदगी के बाद इलाके में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि तस्करों ने पुलिस की नाकेबंदी या डर के चलते चरस को अस्थायी रूप से वहां छोड़ दिया हो, ताकि मौका मिलने पर इसे किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा सके।
हाल के समय में हिमाचल प्रदेश में नशा तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर चरस और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। कभी सुनसान जगहों पर बैग छोड़ना, तो कभी वाहनों में गुप्त खाने बनाकर नशा ले जाना, अब आम होता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि हिमाचल में बढ़ती नशे की समस्या के पीछे बाहरी राज्यों से जुड़े तस्करों की बड़ी भूमिका है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और सीमावर्ती इलाकों का फायदा उठाकर बाहरी नेटवर्क यहां सक्रिय हो रहे हैं। चरस की अवैध खेती, खरीद-फरोख्त और सप्लाई के लिए स्थानीय कड़ियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह समस्या और जटिल बनती जा रही है।
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। नशे की गिरफ्त में फंसते युवा न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस और प्रशासन पर दबाव है कि वह केवल बरामदगी तक सीमित न रहें, बल्कि इस अवैध धंधे की जड़ तक पहुंचकर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा और किसी भी सूरत में तस्करों को बख्शा नहीं जाएगा। भुंतर में हुई यह बरामदगी एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि हिमाचल में नशे के खिलाफ लड़ाई लंबी है और इसके लिए सख्त कार्रवाई के साथ-साथ समाज की जागरूकता भी बेहद जरूरी है।