#अपराध
December 24, 2025
हिमाचल : पढ़ाई ने छीन लिया परिवार का इकलौता बेटा, 10वीं में फेल होने पर गले लगाई...
मानसिक रूप से चल रहा था काफी तनाव में
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सिरमौर। अपने जीवन की किसी भी परीक्षा में फेल होना जीवन की हार नहीं, बल्कि सीखने का एक पड़ाव होता है। लेकिन यह बात कई बार अभिभावक अपने बच्चों को समझाने में असफल हो जाते हैं। जिसके बाद उन्हें उम्र भर के दुख तक झेलने पड़ते हैं। ऐसी ही एक दुखद खबर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब से सामने आई है, जहां 10वीं कक्षा में फेल होने से आहत एक 15 वर्षीय छात्र ने मौत को गले लगा लिया।
जानकारी के अनुसार, अभी हाल ही में घोषित हुए एसओएस बोर्ड की 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में छात्र पास नहीं हो पाया था। परीक्षा परिणाम के बाद से वह मानसिक रूप से काफी तनाव में चल रहा था। परिजनों के मुताबिक वह ज्यादा बात नहीं कर रहा था और गुमसुम रहने लगा था, हालांकि किसी को अंदेशा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा लेगा।
यह घटना उस समय सामने आई जब परिवार वालों को लड़का घर पर नजर नहीं आया। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की तो घर के पास ही निर्माणाधीन एक कमरे में वह फंदे से लटका मिला। आनन-फानन में परिजन द्वारा उसे पांवटा साहिब अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए निजी अस्पताल रेफर कर दिया। निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
मृतक की पहचान कृष, पुत्र तरसेम के रूप में हुई है। कृष पांवटा साहिब उपमंडल के कोटड़ी व्यास गांव का रहने वाला था और अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
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पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आत्महत्या के कारणों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या परीक्षा परिणाम के अलावा कोई अन्य कारण तो नहीं था, जिसने छात्र को इस हद तक मानसिक दबाव में डाला।
कृष के पिता मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बेटे की मौत से परिवार पूरी तरह टूट गया है। कृष अपने पीछे माता-पिता और एक बहन को छोड़ गया है। इस हृदयविदारक घटना से न केवल परिवार बल्कि पूरा गांव गहरे सदमे में है। स्थानीय लोग बच्चों पर परीक्षा के दबाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जता रहे हैं।