#अपराध
March 27, 2025
हिमाचल : 'प्रधान जी' ने IRDP में डाले अपने चहेतों के नाम, अब दे रहे गोलमाल जवाब
पूर्व प्रधान ने प्रधान व सचिव पर जड़े धांधली के आरोप
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चंबा। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा जिले से खच्चर घोटाले के बाद एक बार फिर हेराफेरी का एक मामला सामने आया है। जिले की द्रमण पंचायत में विकास कार्यों में धांधली और IRDP (एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम) सूची में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। यह आरोप पंचायत के पूर्व प्रधान ने लगाए हैं, जिन्होंने वर्तमान प्रधान, उपप्रधान और पंचायत सचिव पर मनमानी करने और अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप लगाया है। हालांकि, वर्तमान प्रधान और पंचायत सचिव ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
पूर्व प्रधान के अनुसार, पंचायत में चल रहे विकास कार्यों में अनियमितताएं की गई हैं। उनका आरोप है कि आईआरडीपी सूची में पात्र व्यक्तियों के नाम हटाकर अपात्र लोगों को जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि पंचायत की पिछली बैठक में कोरम पूरा नहीं हुआ था, लेकिन उनके जाने के बाद बैठक जारी रखी गई और बिना सूचना दिए आईआरडीपी सूची में बदलाव कर दिया गया।
पूर्व प्रधान ने एक अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक पात्र व्यक्ति का नाम काटकर प्रधान ने अपने करीबी व्यक्ति का नाम जोड़ दिया, जिससे उसे इलाज का सरकारी लाभ मिल सके। उन्होंने दावा किया कि गांव में एक एंबुलेंस मार्ग केवल प्रधान के घर तक पहुंचने के लिए बनाया गया। इस निर्माण के लिए जेसीबी मशीन का अवैध रूप से उपयोग किया गया और कई पेड़ भी काटे गए। उन्होंने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि यदि दोष सिद्ध होते हैं, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रधान पवन कुमार ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सभी विकास कार्य मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पारित प्रस्तावों के अनुसार हुए हैं। उन्होंने कहा कि IRDP सूची में केवल उन्हीं व्यक्तियों के नाम जोड़े गए हैं, जो पात्रता मानकों को पूरा करते हैं। पंचायत सचिव कंचन ने भी स्पष्ट किया कि ग्राम सभा में एजेंडे के अनुसार ही फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि IRDP सूची में बदलाव पूरी जांच के बाद किया गया है और इसमें किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं हुआ।
पूर्व प्रधान के आरोपों और वर्तमान प्रधान के जवाब के बाद मामला गरमाता जा रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले की जांच करता है या नहीं। ग्रामीणों का भी कहना है कि अगर विकास कार्यों में वाकई गड़बड़ी हुई है, तो इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सही लोगों को उनका हक मिल सके।