शिमला। हिमाचल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन घोटाले का एक और मामला सामने आया है। ठियोग के बैंक ऑफ इंडिया में एक ठग ने 4 लोगों के नाम से जाली दस्तावेज लगाकर 56.83 लाख रुपए का लोन मंजूर करवा लिया। लोन को मंजूरी देने में बैंक के मैनेजर और कैशियर का भी हाथ रहा। पीड़ित चारों लोगों की शिकायत पर पुलिस ने दो बैंक कर्मियों और मुख्य आरोपी संजीव कुमार के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठियोग निवासी इंदर सिंह पुत्र लायक राम, अनिल वर्मा पुत्र नानक चंद, जगदीश पुत्र केवल राम और हरीश चौहान पुत्र प्यारे लाल ने पुलिस को दर्ज शिकायत में कहा है कि भलेच गांव के रहने वाले संजीव कुमार ने उनके नाम पर फर्जी कागजात बनाकर बैंक से बड़ा लोन लिया है।
इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा
शिकायतकर्ताओं का यह भी कहना है कि संजीव कुमार ने उनकी पहचान का गलत उपयोग करते हुए लोन की लिमिट बढ़वा ली और उसके लिए जाली दस्तावेज बनाए। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर संजीव कुमार ने लोन मंजूर करवाया और पूरी रकम डकार ली। सारा फर्जीवाड़ा बैंक ऑफ इंडिया की सरोग शाखा के तत्कालीन मैनेजर (अब रिटायर्ड) और कैशियर की मदद से किया गया। दोनों कर्मचारियों ने पहले तो फर्जी लोन के आवेदन मंगवाए, फिर लोन मंजूर किया और उसके बाद संजीव कुमार ने चारों पीड़ितों के खाते से रकम निकाल ली।
लोन लेने की भनक तक नहीं लगी
अहम बात तो यह है कि चारों शिकायतकर्ताओं को उनके नाम से लिए गए लोन की भनक तक नहीं लगी। लेकिन जब एक दिन बैंक से रिकवरी का नोटिस आया तो उन्हें पता लगा कि उनके साथ ठगी की गई है। उसके बाद बैंक से शिकायतकर्ताओं को फोन भी आने लगे तो उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की। शिकायत में कहा गया है कि संजीव कुमार ने ही पीड़ितों के खाते से पैसा निकालने के लिए खुद को संबंधित व्यक्ति बताया और नकली दस्तखत कर रकम हड़प ली।