#अपराध
December 11, 2025
हिमाचल: बाहर से बंद थी फैक्ट्री, अंदर चोरी छिपे बन रहा था ज*ह*र, रेड़ में हुआ बडा खुलासा
बंद फैक्ट्री में चल रहे काले कारोबार को देख अधिकारी भी हुए सन्न
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश प्रदेश के बिलासपुर जिला से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां बंद दिख रही एक फैक्ट्री के अंदर ऐसा गोरखधंधा पकड़ा गया जिसे देख कर अधिकारी भी हैरान रह गए। सरकारी रिकॉर्ड में वर्षों से बंद यह फैक्ट्री बाहर से ताले में जकड़ी थी, लेकिन अंदर ज़हर बनाने का गुप्त खेल पूरे शबाब पर था। स्टेट ड्रग्स कंट्रोल विभाग और पुलिस की संयुक्त रेड ने जब दरवाज़े के पीछे छिपी सच्चाई उजागर की, तो अधिकारी भी दंग रह गए।
स्टेट ड्रग्स कंट्रोल विभाग और बिलासपुर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि हिमाचल पंजाब की सीमा पर ग्वालथाई की एक वीरान पड़ी फैक्ट्री में कुछ गड़बड़ चल रही है। जब डीएसपी नैनादेवी और ड्रग्स इंस्पेक्टर अंजना देवी की टीम ने वहां दबिश दी, तो मंजर देखकर सब सन्न रह गए।
मुख्य दरवाज़े पर बड़ा ताला भी लटका था, लेकिन जब टीम ने ताला तोड़कर अंदर कदम रखा, तो जो नजारा सामने आया, उसने सभी को चौंका दिया। बाहर से शांत दिखने वाली फैक्ट्री के अंदर अवैध दवाइयों और साल्ट बनाने का काम जारी था। फैक्ट्री में कोई भी रजिस्टर, बैच रिकॉर्ड, स्टॉक विवरण या सुरक्षा से जुड़ा दस्तावेज मौजूद नहीं मिले। यानी पूरा काम अवैध तरीके से नियमों के खिलाफ और बेहद जोखिम भरे तरीके से चल रहा था।
हैरानी की बात यह है कि यह वही फार्म फैक्ट्री की यूनिट है जिसे पहले ही खराब गुणवत्ता के कारण सील किया गया था, लेकिन मुनाफा कमाने के लालच में माफिया ने इसे अपना गुप्त ठिकाना बना लिया। रेड के दौरान टीम ने कच्चा माल, पैकिंग सामग्री, सैंपल और कई संदिग्ध दस्तावेज़ जब्त किए हैं। इन्हें सील कर अब कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आशंका जताई जा रही है कि इसे पड़ोसी राज्यों तक अवैध फार्मा नेटवर्क के जरिए दवाईयों को भेजा जा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर बिना स्थानीय लोगों को भनक लगे उत्पादन चलना, खुद इस बात का संकेत है कि यह कोई साधारण मामला नहीं, बल्कि बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है।
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प्रशासन ने फैक्ट्री से मिले सभी संदिग्ध दस्तावेजों और सैंपल को जब्त कर लिया है। फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ फार्मेसी एक्ट और NDPS एक्ट के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि इस नेटवर्क के पीछे कौन.कौन लोग हैंए माल की डिलीवरी कैसे होती थी और किन राज्यों तक सप्लाई पहुंचती थी।