#अव्यवस्था
March 31, 2025
आश्वासन देकर भूली सुक्खू सरकार, सड़कों पर उतरे शिक्षक; कल से कक्षाओं का बहिष्कार
स्थानी पॉलिसी बनाने की उठाई मांग, कंपनी से नहीं करेंगे एग्रीमेंट
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात वोकेशन शिक्षक अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। वोकेशनल शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि अब वह कंपनी के अंतर्गत काम नहीं करेंगे। ना ही नए शैक्षणिक सत्र 2025 26 के लिए एग्रीमेंट पर साइन करेंगे। अपनी मांग को लेकर वोकेशनल शिक्षक चौड़ा मैदान में धरने पर बैठ गए हैं।
दरअसल वोकेशन शिक्षक प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कंपनी के माध्यम से सेवाएं देते हैं। उनका कंपनी के साथ करार 31 मार्च को खत्म हो रहा है। ऐसे में अब इन वोकेशन शिक्षकों ने नया एग्रीमेंट बनाने और उस पर साइन करने से साफ मना कर दिया है। वोकेशन शिक्षकों का कहना है कि सरकार इन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाए।
यह भी पढ़ें : हिमाचल- उत्तराखंड सीमा पर ईद के दिन बवाल- गौवंश से जुड़ा है मामला, यहां जानें पूरी खबर
अपनी मांगों को लेकर अब यह वोकेशनल शिक्षक सड़कों पर उतर आए हैं। इससे पहले भी इन शिक्षकों ने 11 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था। लेकिन बाद में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के आश्वासन के बाद अपना धरना खत्म कर दिया था। लेकिन फिर भी उनकी मांगे पूरी नहीं हुई। जिसके चलते अब एक बार फिर यह वोकेशनल शिक्षक सड़कों पर उतर आए हैं।
वोकेशनल शिक्षकों ने साफ कहा है कि जब तक विभाग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बाहर का रास्ता नहीं दिखाता, तब तक शिक्षक हड़ताल पर रहेंगे। वह कल यानी पहली अप्रैल से कक्षाओं का बहिष्कार करने को भी तैयार हैं। शिक्षकों का कहना है कि बीते शनिवार को मामले पर शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें छुट्टियों सहित कई मामलों पर सहमति बनी, लेकिन कंपनियों को बाहर करने के मामले पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
वोकेशनल शिक्षक मोहन ने कहा कि सरकार की ओर से उन्हें 29 मार्च तक नीति बनाने का आश्वासन मिला था। जिसके लिए सरकार ने एक सब कमेटी का भी गठन किया था। इस कमेटी में कुछ शिक्षकों को भी शामिल किया गया था। इस कमेटी ने तीन राज्यों का दौरा किया और एक रिपोर्ट बनाई। इसी रिपोर्ट को लेकर दो दिन पहले शनिवार को प्रतिनिधियों की शिक्षा मंत्री से बैठक हुई।
वोकेशनल शिक्षकों का कहना है कि बैठक में इस मसले का हल निकालने की बजाय अधिकारियों ने पॉलिसी बनाने के काम में रोड़ा अटकाया और रिपोर्ट को ही गलत ठहरा दिया। शिक्षकों का कहना है कि यह रिपोर्ट साकारात्मक बनाई गई थी। जिसमें बताया गया था कि हरियाणा में सरकार व्यवसायिक शिक्षण अपने अधीन चला रही है। वहीं असम में पहला बैच सरकार के अधीन चल रहा है।
वोकेशन शिक्षकों ने कहा कि आज उनके साथ हुआ एमओयू खत्म होने वाला है। ऐसे में सरकार ने अगर उनकी मांगों को नहीं माना और उनके पक्ष में कोई निर्णय नहीं लिया तो कल से पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2100 के करीब व्यावसायिक शिक्षक सड़कों पर उतर आएंगे। कल से वह कक्षाओं का भी वहिष्कार कर देंगे।