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November 7, 2025

सुक्खू सरकार का व्यवस्था परिवर्तन : पानी के टैंकों में उग रहे पेड़, बूंद-बूद को तरस रहा गांव

लोगों को पानी भरने के लिए होना पड़ रहा परेशान

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Sukhu Government Jal Shakti Vibhag

शिमला। हिमाचल प्रदेश में जलशक्ति विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। ठियोग और कोटखाई की सीमा पर लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए पेयजल भंडारण टैंक आज पूर्णतः उपेक्षा के शिकार होकर जर्जर हालत में पहुंच गए हैं।

पानी के टैंक में उग रहे पेड़

स्थिति यह है कि जिन टैंकों में कभी लोगों को पेयजल सप्लाई के लिए पानी भरा जाता था, उन टैंकों के अंदर अब पाजे सहित कई तरह के पेड़-पौधे और झाड़ियां उग आई हैं। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत उप मुख्यमंत्री कार्यालय, जलशक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता और SDM ठियोग तक पहुंचाई, जिसके बाद अब विभाग ने जांच शुरू करने की बात कही है।

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20,000 लीटर टैंक की हालत जर्जर

जानकारी के अनुसार ये टैंक सांबर और ब्यौण गांव के बीच, पंचायत क्यार, कलींड और देवगढ़ की सीमा के पास स्थित हैं। इनमें एक बड़ा टैंक जिसकी क्षमता लगभग 20,000 लीटर बताई जाती है, पेयजल भंडारण के लिए बनाया गया था, जबकि इसके साथ दो अन्य टैंक पानी को फिल्टर करने हेतु तैयार किए गए थे।

6 साल से सूखे पड़े है टैंक

यह पूरी योजना “मनलोग नाला से सांबर ग्रेविटी पेयजल स्कीम” के तहत बनाई गई थी, ताकि क्यार और कलींड पंचायत के लोगों को नियमित एवं सुचारू पेयजल आपूर्ति हो सके। लेकिन पिछले पांच से छह वर्षों से इन टैंकों में पानी ही नहीं पहुंचाया गया। मरम्मत भी नहीं हुई और न ही किसी अधिकारी ने इनकी स्थिति का आकलन करने की जरूरत समझी।

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पानी को तरस रहा गांव

विडंबना यह है कि जहां टैंक उपेक्षित पड़े हैं, वहीं इनके ठीक नीचे बसे सांबर गांव के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें कई बार टैंकरों या दूसरे स्रोतों से पानी जुटाना पड़ता है।

 

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता अमित मेहता और अन्य ग्रामीणों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई है। इसके बाद प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा को भी एक विस्तृत ज्ञापन भेजा गया है।

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अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की

मामले के संज्ञान में आने के बाद SDM ठियोग ने अपने स्तर पर संबंधित अधिकारियों से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है और ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय होना आवश्यक है।

पानी की समस्या से लोग परेशान

सूत्रों के अनुसार, जलशक्ति विभाग की हिमाचल भर में 10,000 से अधिक पेयजल और सिंचाई योजनाएं चल रही हैं, जिनमें से लगभग 800 योजनाएं रख-रखाव और निगरानी की कमी से प्रभावित हैं। इसका सीधा प्रभाव ग्रामीणों पर पड़ रहा है, खासकर गर्मी के मौसम में पानी की समस्या और बढ़ने की संभावना है।

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विभाग करेगा जांच

जलशक्ति विभाग के मुख्य अभियंता मुकेश हीरा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच टीम मौके पर जाकर स्थिति की पुष्टि करेगी। अगर लापरवाही और गड़बड़ी पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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