#अव्यवस्था
May 27, 2025
HPBOSE: 12वीं के परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी की होगी जांच, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
एबीवीपी ने भी किया था जोरदार प्रदर्शन
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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा जारी किए गए 12वीं के परीक्षा परिणाम में बड़ी गड़बड़ी पाई गई थी। जिसके चलते शिक्षा बोर्ड को रिजल्ट घोषित होने के तीन दिन बाद संशोधित रिजल्ट जारी करना पड़ा था। जिस पर अब प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने 12वीं के रिजल्ट में गड़बड़ी की जांच के आदेश दे दिए हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस बार 12वीं के परीक्षा परिणााम में भारी त्रुटि पाई गई थी। चंबा के चुवाड़ी में रद्द हुए अंग्रेजी विषय के पेपर के चलते कई छात्रों को फेल कर दिया गया था। लेकिन जब संशोधित परीक्षा परिणाम जारी हुआ था तो कई फेल छात्र पास हुए और कई फेल छात्र तो मेरिट में भी जगह बनाने में कामयाब हो गए। शिक्षा बोर्ड की इस गलती के चलते कई छात्रों का भविष्य अंधकार में जा सकता था।
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जिसके चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में हुई गंभीर गलतियों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था। एबीवीपी के कार्यकर्ता शिक्षा बोर्ड के सचिव के कार्यालय तक पहुंच गए थे और जमकर नारेबाजी की थी। इस दौरान कार्यकर्ताओं और शिक्षा बोर्ड कर्मचारियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी।
इन सब के बीच आज मंगलवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोर्ड में हुई गलती की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया जारी है और रिक्त पड़े टीजीटी मेडिकल व नॉन मेडिकल पदों को भरने का कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही युक्तिकरण नीति पर पुनर्विचार के लिए जून में बैठक भी प्रस्तावित है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न आएं।
प्रशासन की इस पहल के बावजूद छात्रों और उनके अभिभावकों में असंतोष बना हुआ है, जो मांग कर रहे हैं कि बोर्ड जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम की पूरी समीक्षा करे और किसी भी विद्यार्थी के भविष्य को बिना किसी गलती के प्रभावित न होने दिया जाए।
इस घटना ने हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत को फिर एक बार स्पष्ट कर दिया है। छात्र संगठन और अभिभावक शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की मांग कर रहे हैं ताकि हर विद्यार्थी को न्याय मिले और उसकी मेहनत की कद्र हो सके।