#अव्यवस्था
July 12, 2025
हिमाचल के बच्चे मैथ में कमजोर, नहीं आता पैसों का भी जोड़-तोड़ करना- देखें आंकड़े
स्कूलों में बेसिक गणित भी नहीं समझ पा रहे हैं छात्र
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में पढ़ रहे तीसरी, छठी और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों की गणित में कमजोर पकड़ अब चिंता का विषय बन गई है। राज्य स्तरीय "परख शिक्षा सर्वेक्षण 2025" की रिपोर्ट में सामने आया है कि करीब 70 फीसदी छात्र गणित की बुनियादी समझ में ही पिछड़ रहे हैं। विशेष रूप से तीसरी और छठी कक्षा के छात्र बुनियादी जोड़-घटाव जैसे सामान्य सवालों का उत्तर देने में भी असमर्थ पाए गए हैं।
इस रिपोर्ट में हमीरपुर जिला प्रदेशभर में अव्वल रहा है, जबकि कई अन्य जिले अभी भी सुधार की आवश्यकता के संकेत दे रहे हैं। छठी से नौवीं तक के छात्रों में सिर्फ 42% ही गणित में बुनियादी दक्षता तक पहुंच सके हैं। बीजगणित जैसे विषयों में तो स्थिति और भी खराब है।
तीसरी कक्षा के छात्रों की बात करें तो हमीरपुर, लाहौल-स्पीति और सिरमौर जिलों को पहली श्रेणी में रखा गया है, जबकि कांगड़ा दूसरे और सोलन, चंबा, किन्नौर, कुल्लू व ऊना तीसरे स्थान पर आए हैं। वहीं, बिलासपुर, मंडी और शिमला जिले सबसे निचले स्तर 'उद्भव' श्रेणी में हैं।
छठी कक्षा में शिमला पहले पायदान पर रहा, जबकि हमीरपुर, कांगड़ा और सिरमौर दूसरे स्थान पर। चंबा, सोलन, कुल्लू तीसरे और बिलासपुर, मंडी व ऊना सबसे नीचे दर्ज किए गए।
नौवीं कक्षा की स्थिति थोड़ी बेहतर दिखी, जहां हमीरपुर ने फिर बाजी मारी। चंबा, शिमला और ऊना दूसरे, जबकि बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन तीसरे स्थान पर रहे।
सर्वेक्षण की जिला समन्वयक बबीता ठाकुर ने बताया कि छात्रों के गणित में कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए अब विशेष कोचिंग कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट में छात्राओं का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है, जो प्रोत्साहन की दिशा में सकारात्मक संकेत है। बहरहाल, अब देखना होगा कि सरकार और शिक्षा विभाग इन आंकड़ों से कितनी सीख लेते हैं और कितनी जल्दी जमीनी स्तर पर परिवर्तन दिखता है।