#अव्यवस्था
May 27, 2025
HRTC बसों में स्कूली बच्चों से पास पर वसूला जा रहा मोटा किराया, बढ़ोतरी से भड़के अभिभावक
बच्चों के चार्टर्ड बस पास की दरें अब भी बोझिल
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शिमला । हिमाचल प्रदेश के शिमला में निजी स्कूलों के छात्रों के लिए एचआरटीसी द्वारा तय बस पास किराए की बढ़ी हुई दरों के खिलाफ आज अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित परिजनों ने HRTC HRTC एमडी निपुण जिंदल से मुलाकात की और सरकार के निर्णय पर गहरा ऐतराज जताया। उनका कहना था कि एक ही साल में बार-बार किराया बढ़ाना आम जनता की जेब पर सीधा हमला है।
किराया संशोधन के बाद भी असंतुष्टि
गौरतलब है कि 6 दिन पहले सरकार ने छात्रों के चार्टर्ड बस पास में भारी बढ़ोतरी की थी। विरोध के बाद दो दिन पहले ही दरों में थोड़ी राहत दी गई और नए स्लैब लागू किए गए, लेकिन इसके बावजूद परिजन संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि जब 6 महीने पहले ही किराया बढ़ाया गया था, तो इतनी जल्दी दोबारा बढ़ोतरी उचित नहीं।
पहले कितनी थी दरें, अब कितना हुआ किराया
पुरानी व्यवस्था में 1 से 5 किलोमीटर के मासिक बस पास का किराया 900 रुपये था। नई दरों के अनुसार यही दूरी तय करने पर पहले 1800 रुपये देने पड़ते थे। अब संशोधित स्लैब में 6 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 1200 रुपये, 6 से 12 किलोमीटर के लिए 1800 रुपये और 12 किलोमीटर से अधिक के लिए 2000 रुपये बस पास तय किया गया है। हालांकि, यह अभी भी पुरानी कीमतों की तुलना में अधिक है।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किराया बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय किराए में 46 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी, जबकि कांग्रेस सरकार ने अब तक केवल 15 फीसदी वृद्धि की है। हालांकि, परिजनों का कहना है कि बढ़ोतरी चाहे जितनी भी हो, उसका असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।
डिप्टी सीएम से भी की गई थी शिकायत
बता दें कि 2 दिन पहले ही परिजनों ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात कर बच्चों के बस पास किराए पर नाराजगी जाहिर की थी। उसी के बाद बस किराए की दरों में कुछ कमी लाई गई, लेकिन परिजनों की उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर और नरम रुख अपनाएगी।
इन यात्राओं का भी बढ़ा है किराया
एचआरटीसी द्वारा लंबे सफर के किराए में भी 15 फीसदी की वृद्धि की गई है। साथ ही न्यूनतम किराया अब 10 रुपये कर दिया गया है। यह बदलाव ग्रामीण इलाकों के स्कूली बच्चों और दैनिक यात्रियों के लिए अतिरिक्त बोझ बन गया है।
क्या सरकार फिर बदलेगी फैसला?
बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के रुख को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं। परिजनों की मांग है कि HRTC की चार्टर्ड बस सेवाओं के किराए को या तो पुरानी दरों पर बहाल किया जाए या फिर छात्रों के लिए विशेष छूट योजना लाई जाए।