#अव्यवस्था
September 18, 2025
हिमाचल हाईकोर्ट की बिजली बोर्ड को फटकार : पेंशनर्स का बकाया न देने पर मांगा जवाब
अधिकारों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं
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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य बिजली बोर्ड यानी HPSEB की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। बोर्ड पर आरोप है कि उसने अपने रिटायर कर्मचारियों को वर्षों से लंबित पेंशन और रिटायरमेंट लाभ का भुगतान अब तक नहीं किया। अदालत ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई और जवाब तलब किया।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ में हुई। याचिकाकर्ता, जो स्वयं बिजली बोर्ड का सेवानिवृत्त पेंशनभोगी है, ने अदालत को बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कई बार स्पष्ट आदेश दिए कि बोर्ड को पेंशन और वेतन संशोधन से जुड़ा बकाया चुकाने के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है।
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याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि आयोग ने 4 मई 2018, 31 मई 2021, 29 मार्च 2022, 31 मार्च 2023 और हाल ही में 15 मार्च 2024 को आदेश पारित किए। इन आदेशों में साफ तौर पर निर्देश था कि 1 जनवरी 2016 से लागू संशोधित वेतनमान और पेंशन का लाभ रिटायर कर्मचारियों को दिया जाए।
इसके बावजूद बिजली बोर्ड ने पेंशनर्स को उनका हक़ नहीं दिया। अदालत ने इस स्थिति पर कड़ा एतराज जताते हुए पूछा कि जब फंड पहले ही जारी कर दिया गया था, तो फिर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनका बकाया किस कारण रोका गया?
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साथ ही बोर्ड प्रबंधन से यह स्पष्ट करने को कहा गया कि अब तक भुगतान में देरी क्यों हुई और आगे इसका निपटारा कब तक होगा। हाईकोर्ट ने साफ संकेत दिया कि पेंशनभोगियों के अधिकारों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि बोर्ड ने ठोस जवाब नहीं दिया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल, हाईकोर्ट ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और रिटायरमेंट लाभ सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि उनका वैधानिक अधिकार है, जिसकी अनदेखी किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं होगी।