#अव्यवस्था
October 31, 2025
हिमाचल में सरकारी कॉलेज के पास खुला शराब का ठेका, कोर्ट ने CM से मांगा जवाब
कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन बताया गया
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कांगड़ा।हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राजकीय महाविद्यालय ज्वालामुखी के नजदीक शराब की दुकान खोले जाने के मामले में गंभीर संज्ञान लिया है। न्यायालय ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव, उपायुक्त कांगड़ा, एसडीएम ज्वालामुखी तथा आबकारी एवं कराधान विभाग कांगड़ा के सहायक आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने यह कार्रवाई उस समय की जब राजकीय महाविद्यालय ज्वालामुखी के छात्रों ने सीधे मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई।
पत्र में छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक शराब की दुकान को कॉलेज परिसर के बहुत करीब, यानी लगभग 100 मीटर की दूरी पर शिफ्ट किया गया है। छात्रों ने आरोप लगाया कि यह न केवल शिक्षण वातावरण को प्रभावित करता है, बल्कि कानूनी रूप से भी अनुचित है क्योंकि कॉलेजों, धार्मिक स्थलों और राजमार्गों से एक निश्चित दूरी पर शराब की दुकानें खोलने की मनाही है।
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि यह दुकान राष्ट्रीय राजमार्ग से भी करीब 100 मीटर के दायरे में आती है, जो राज्य के आबकारी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। छात्रों ने आशंका जताई कि इससे कॉलेज के आसपास अराजकता, असामाजिक गतिविधियों और युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अदालत ने पत्र को जनहित याचिका (PIL) के रूप में दर्ज करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि दुकान को इस स्थान पर शिफ्ट करने की अनुमति किन परिस्थितियों में दी गई। अदालत ने इस पर सरकार से विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि यदि यह पाया गया कि दुकान की लोकेशन आबकारी अधिनियम के मानकों का उल्लंघन करती है, तो अदालत आवश्यक निर्देश जारी करेगी। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर 2025 को निर्धारित की गई है।
उधर, कॉलेज के छात्रों और अभिभावकों ने अदालत के संज्ञान लेने का स्वागत किया है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज के आसपास का वातावरण शांतिपूर्ण और सुरक्षित रहना चाहिए। वहीं, स्थानीय लोग भी दुकान की इस लोकेशन को लेकर असंतोष जता चुके हैं। कई लोगों का कहना है कि कॉलेज के पास शराब की बिक्री से युवाओं में गलत आदतें बढ़ने की संभावना रहती है।
प्राथमिक प्रतिक्रिया में प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सभी दस्तावेज और अनुमति की प्रक्रिया अदालत में प्रस्तुत की जाएगी। फिलहाल, दुकान के संचालन को लेकर कोई आधिकारिक रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन जिला प्रशासन ने यह संकेत दिया है कि कोर्ट के निर्देश आने तक स्थिति पर नजर रखी जाएगी।