#अव्यवस्था
December 15, 2025
सुख की सरकार में कर्मचारी बैलेंस बिगड़ा, दो साल में 8 हजार किए भर्ती, रिटायर हुए तीन गुना
राजनीतिक मंचों से किए जाते है बड़े दावे
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शिमला। सुक्खू सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का संतुलन बिगड़ता नजर आ रहा है। बीते दो वर्षों में हिमाचल में जहां करीब 26 हजार से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए, वहीं नई भर्तियों की संख्या महज आठ हजार के आसपास रही। यानी रिटायरमेंट के मुकाबले तीन गुना कम नियुक्तियां हुईं। इसका सीधा असर प्रशासनिक व्यवस्था और सेवाओं पर पड़ रहा है, जिससे प्रदेश में कर्मचारियों की भारी कमी की स्थिति बनती जा रही है।
सरकार की ओर से करीब आठ हजार नए पद सृजित किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन इन पदों पर वास्तव में कितने युवाओं को नियुक्ति और पोस्टिंग मिली, इसका स्पष्ट और विभागवार विवरण खुद सरकार के पास भी उपलब्ध नहीं है। मगर रोजगार संकट की गंभीरता पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे की ताजा रिपोर्ट से और गहराई से सामने आती है।
रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में युवा बेरोजगारी दर में तेज उछाल दर्ज किया गया है। कुछ साल पहले जहां यह दर करीब 19 प्रतिशत थी, वहीं अब यह बढ़कर लगभग 33.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो पूरे देश में सबसे अधिक मानी जा रही है।
इसके बावजूद राजनीतिक मंचों से रोजगार सृजन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। कभी 30 हजार तो कभी 35 हजार नौकरियां देने की बात कही जाती है, लेकिन जब यही मुद्दा विधानसभा में उठता है तो पेश किए गए आधिकारिक आंकड़े इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर देते हैं।
सदन में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले तीन वर्षों में लोक सेवा आयोग के माध्यम से करीब 2,316 नियुक्तियां हुई हैं, जबकि चयन आयोग के जरिए लगभग 2,335 अभ्यर्थियों को भर्ती दी गई। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य यह है कि यदि विभिन्न आयोगों द्वारा विज्ञापित पदों को अलग कर दिया जाए, तो पूरे प्रदेश में वास्तव में केवल करीब 1,776 पद ही भरे गए हैं। बढ़ती बेरोजगारी के संदर्भ में यह संख्या बेहद कम मानी जा रही है।
इस स्थिति का असर अब युवाओं की करियर प्राथमिकताओं पर भी साफ दिखने लगा है। कभी सुरक्षित और सम्मानजनक माने जाने वाले शिक्षक पेशे की ओर अब युवा आकर्षित नहीं हो रहे हैं। प्रदेश के बीएड कॉलेजों में हजारों सीटें खाली पड़ी हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को प्रवेश परीक्षा के बिना दाखिले की अनुमति देनी पड़ी, इसके बावजूद सीटें नहीं भर पा रही हैं।
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जब विधानसभा में सरकार से प्रदेश में कुल बेरोजगार युवाओं की संख्या पूछी जाती है, तो जवाब मिलता है कि फिलहाल कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है और जानकारी जुटाई जा रही है। यह स्थिति न केवल नीति निर्माण पर सवाल खड़े करती है, बल्कि युवाओं के भविष्य को लेकर भी चिंता बढ़ाती है।
अभी हाल ही में बीते विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकारी कर्मचारियों, रिटायरमेंट और पेंशन से जुड़े मुद्दों पर भी अहम जानकारी सामने आई है। मौजूदा समय में प्रदेश में करीब 1.87 लाख सरकारी कर्मचारी सेवा में हैं, जबकि पेंशनरों की संख्या लगभग 1.78 लाख बताई जा रही है। भरमौर से भाजपा विधायक डॉ. जनक राज के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खू ने बताया कि 31 अक्टूबर 2025 तक पिछले दो वर्षों में कुल 26,324 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। नई भर्तियों को लेकर उन्होंने बताया कि इसी अवधि में लगभग 8,436 नए पद सृजित किए गए हैं, जबकि मेडिकल क्लेम के लिए 8,874.25 लाख रुपये जारी किए जा चुके हैं।