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July 25, 2025
हिमाचल के जनजातीय जिला की बेटी ने अमेरिका में जीता मेडल, देश की बढ़ा दी शान
अपने गांव लौटने पर हुआ जोरदार स्वागत
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किन्नौर। एक बार फिर हिमाचल की धरती ने साबित कर दिया है कि यहां की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। हिमाचल की बेटी ने अमेरिका में मेडल जीत कर भारत की शान को बढ़ा दिया है। प्रदेश की इस बेटी का नाम शशिकला नेगी है और यह हिमाचल के जनजातीय जिला किन्नौर के छोटे से गांव की रहने वाली है। शशिकला नेगी ने अमेरिका के बर्मिंघम में आयोजित विश्व पुलिस खेलों (World Police & Fire Games 2025) में देश का नाम ऊंचा करते हुए 75 किलोग्राम भार वर्ग की बॉक्सिंग प्रतियोगिता में रजत पदक (सिल्वर मेडल) जीतकर नया इतिहास रच दिया है।
शशिकला ने यह मेडल उस प्रतियोगिता में हासिल किया, जो 27 जून से 6 जुलाई तक चली। गांव लौटने पर जब वे अपने पैतृक निवास, किन्नौर जिले के दुन्नी गांव पहुंचीं, तो ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। हर कोई इस बेटी पर गर्व कर रहा था, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और खासकर हिमाचल प्रदेश का मान बढ़ाया।
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शशिकला नेगी वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल SSB में अपनी सेवाएं दे रही हैं। दिल्ली स्थित एसएसबी कैम्प से जुड़ी शशिकला न केवल देश की सीमाओं की रक्षा कर रही हैं, बल्कि खेल के मैदान में भी देश का परचम लहरा रही हैं। 14 जुलाई को उनके इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें एसएसबी के महानिदेशक द्वारा प्रतिष्ठित गोल्डन डीजी डिस्क से सम्मानित भी किया गया।
शशिकला ने अपनी खेल यात्रा की शुरुआत सब जूनियर स्तर से की और आज वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने अब तक पांच बार सब-जूनियर और जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे बुल्गारिया और सर्बिया में विश्व चैंपियनशिप में भाग ले चुकी हैं। उन्होंने AIBA महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2013, गोल्डन ग्लव्स प्रतियोगिता 2014 (जिसमें उन्होंने स्वर्ण पदक जीता) और पहली एलीट महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2016 (जिसमें उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया) जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
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अपनी इस सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए शशिकला ने कहा, “आज के युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित होना चाहिए। खेल न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती प्रदान करते हैं। नशे की लत आज युवाओं का भविष्य अंधकारमय कर रही है, ऐसे में खेल एक सकारात्मक विकल्प है।”
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शशिकला नेगी का यह सफर न केवल उनकी मेहनत का फल है, बल्कि हिमाचल की बेटियों की उस ताकत और जज्बे का भी प्रतीक है, जो हर कठिनाई को पार कर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकती हैं। आज जब कई युवा भटकाव की राह पर हैं, ऐसे में शशिकला जैसी बेटियां प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। हिमाचल की धरती ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि यहां की बेटियां केवल घरों तक सीमित नहीं, बल्कि देश की सीमाओं से लेकर वैश्विक मंच तक अपनी पहचान बना रही हैं। शशिकला नेगी की यह उपलब्धि हर बेटी के सपनों को पंख देने का काम करेगी।