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February 3, 2025

हिमाचल का बेटा टेबल टेनिस में छाया, देशभर में हासिल किया आठवां रैंक

7 साल की उम्र में शुरू किया था टेबल टेनिस खेलना

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Naman Bhatnagar

सिरमौर। कहते हैं कि सपने अगर हो बड़े, तो डर कैसा, हर मुश्किल के आगे, हौसला है जैसा। राह में आएंगे कांटे, मगर रुकना नहीं, जो हार से डरे नहीं, उसे जीतना ही सही। जो चलते रहे, वो मंज़िल पा गए, हौसले की लौ से अंधेरे मिटा गए। इन शब्दों को बखूबी चरितार्थ कर दिखाया है सिरमौर जिले के बेटे नमन भटनागर ने।

टेबल टेनिस चैंपियन नमन भटनागर

नमन ने महज 17 साल की उम्र में टेबल टेनिस में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। नमन देश में आठवें रैंक पर पहुंच गया है। नमन की उपलब्धि से ना सिर्फ उसके माता-पिता बल्कि पूरे हिमाचल का नाम देशभर में रोशन हुआ है।

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देश में हासिल किया 8वां रैंक

आपको बता दें कि हाल ही में गुजरात के वडोदरा में आयोजित अंडर-19 कैटेगरी की नेशनल चैंपयिनशिप में नमन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। इसके आधार पर अब नमन का चयन गुजरात में 26 फरवरी से 3 मार्च तक आयोजित होने वाले ITF वर्ल्ड ओपन टेबल टेनिस टूर्नामेंट के लिए हुआ है- जो कि भारत में पहली बार आयोजित की जा रही है।

बचपन से था जुनून

नाहन से संबंध रखने वाले नमन ने महज सात साल की उम्र में टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था। नमन के पिता विकास भटनागर जेल विभाग में तैनात हैं। नमन के पिता ने बताया कि बेटे को जुनून को देखते हुए उन्होंने घर पर ही प्रेक्टिस के लिए टेबल टेनिस टेबल की व्यवस्था कर दी थी। शुरुआती दौर में नमन ने यूट्यूब पर इंटरनेशनल खिलाड़ियों की वीडियोज देखकर खेल की बारीकियां सीखी।

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इंटरनेशनल खिलाड़ी है नमन

नमन भटनागर राष्ट्रीय के साथ-साथ कई इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भी भाग ले चुका है। नमन थाईलैंड, इजिप्ट और जॉर्डन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुका है। नमन दुनिया में 47वें स्थान पर रह चुका है। इसके अलावा नमन ने अंडर-15 कैटेगरी में देश में छठा रैंक हासिल किया था।

देश की लिए मेडल लाना है लक्ष्य

नमन का लक्ष्य है कि वो भविष्य में एशियन गेम्स और ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीते। नमन का कहना है कि कड़ी मेहनत के दम पर किसी भी चुनौती को आसानी से पार किया जा सकता है।

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युवाओं के लिए बना प्रेरणा

नमन की सफलता को लेकर लोगों का कहना है कि नमन ये उपलब्धि हासिल कर प्रदेश के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। नमन ने यह साबित कर दिया है कि सपना चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो- मेहनत और लगन से उसे हासिल किया जा सकता है।

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