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June 26, 2025

हिमाचल : बचपन से ही देखा था अफसर बनने का सपना, पहले ही अटेंप्ट में पास की बड़ी परीक्षा

HAS बनना चाहता है मनजीत सिंह

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Manjeet Singh

सिरमौर। कहते हैं कि जिनके हौसलों में उड़ान होती है, मुश्किलें भी उनके आगे नतमस्तक होती हैं। ऐसे ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के होनहार बेटे मनजीत सिंह है।

बड़ा अफसर बना मंजीत

मस्तभोज क्षेत्र के एक छोटे से गांव माशु से ताल्लुक रखने वाले मंजीत सिंह ने यह शायरी अपनी मेहनत और लगन से सच कर दिखाई है। हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ संयुक्त सेवाएं परीक्षा (Allied Services Exam)-2023 में उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि अगर इरादे बुलंद हों तो संसाधनों की कमी आड़े नहीं आती

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बिना किसी कोचिंग के पाया बड़ा मुकाम

मंजीत ने इस परीक्षा में उत्तीर्ण होकर "एक्सटेंशन ऑफिसर" पद के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त किया है। खास बात यह है कि मंजीत ने यह मुकाम बिना किसी कोचिंग के, केवल स्वाध्याय और दोस्तों के साथ साझा अनुभवों के आधार पर हासिल किया। उनके इस संघर्ष और समर्पण की कहानी सैकड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। उन्होंने न केवल सीमित संसाधनों का भरपूर उपयोग किया बल्कि कठिन परिश्रम को ही अपनी सफलता की कुंजी बनाया।

JBT हैं मनजीत के पिता

मंजीत सिंह एक शिक्षित परिवार से हैं। उनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक (JBT) हैं, जबकि माता एक गृहिणी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अंभोया स्कूल से ली और स्नातक की पढ़ाई पांवटा साहिब कॉलेज से पूरी की।

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हार नहीं मानी, की मेहनत

वर्तमान में वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से बीएड कर रहे हैं और साथ ही HAS जैसी बड़ी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्होंने दो बार हिमाचल प्रशासनिक सेवा (HAS) परीक्षा दी, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार अपनी तैयारी को निखारते रहे।

HAS बनने का है सपना

मंजीत मानते हैं कि Allied Services में मिली सफलता उनके लिए आत्मविश्वास का मजबूत आधार बनी है। उन्होंने कहा, “अब मेरा अगला लक्ष्य HAS परीक्षा पास करना है और प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बनना है। मैं चाहता हूं कि मेरे जैसे ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवा भी आगे आएं और खुद पर भरोसा रखें।”उनकी यह सफलता न केवल उनके गांव के लिए गर्व की बात है, बल्कि उन हजारों युवाओं के लिए भी उम्मीद की किरण है जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देख रहे हैं।

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