कांगड़ा। देवभूमि हिमाचल को वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां के वीर जवान देश की अलग-अलग सेनाओं में सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश के बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। इसी कड़ी में अब हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक छोटे से गांव की बेटी ने प्रदेश भर का नाम रोशन किया है।
बड़े मुकाम पर पहुंची छोटे से गांव की बेटी
जिला कांगड़ा के बैजनाथ उपमंडल स्थित टिकरी गांव की रितिका चौधरी ने एयरफोर्स में लेफ्टिनेंट बन कर अपनी सफलता का लोहा मनवाया है। रितिका का चयन एयरफोर्स अस्पताल बंगलुरू में बतौर लेफ्टिनेंट चयन हुआ है।
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मिलिट्री ऑफिसर बनी रितिका
बता दें कि रितिका चौधरी शॉर्ट सर्विस कमिशन क्वालिफाई कर बतौर मिलिट्री ऑफिसर बनीं हैं। रितिका 2 जून, 2024 को बंगलुरू में तैनाती देंगी। रितिका के पिता कुलदीप चौधरी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर हैं। जबकि, उनकी मां ऊषा कुमारी गृहिणी हैं।
दादा को दिया सफलता का श्रेय
रितिका चौधरी ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने दादा भीख्म चंद को दिया है, जो कि खुद भी एक लेफ्टिनेंट रह चुके हैं। रितिका ने कहा कि उनका बचपन से ही सपना था कि वह भारतीय सेना में सेवाएं देंगी। उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर अपने सपने को हासिल कर लिया है।
बेटी की इस उपलब्धि से ना सिर्फ उसके परिवार में बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। रितिका के परिजनों का कहना कि रितिका बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थी। उसका सपना था कि वह सेना में जाए। अपने सपने को पूरा करने के लिए उसने कड़ी मेहनत की और आज इतनी बड़ी सफलता हासिल की।
प्रदेश की बेटियां बनीं लेफ्टिनेंट
बता दें कि रितिका के अलावा जिला सिरमौर के पिछड़े इलाके गिरिपार की 24 वर्षीय प्रीति शर्मा, बिलासपुर के निचली भटेड़ गांव की रहने वाली विभूति ठाकुर और जिला हमीरपुर के जीहण गांव की शिवानी जसवाल भी सैन्य नर्सिंग सेवा की परीक्षा उतीर्ण कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है।