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December 22, 2025

हिमाचल के एक ही गांव के 39 बेटे भारतीय सेना में दे रहे सेवाएं, अब 7 और हुए भर्ती

युवकों ने बढ़ाया गांव का मान- देश सेवा में जुटे लाल

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Jasvi Village Seven Agniveer Indian Army

सिरमौर। वीरभूमि कहलाए जाने वाले हिमाचल प्रदेश के बेटे-बेटियां आज भी पूरी निष्ठा और साहस के साथ देश सेवा में डटे हुए हैं। सीमित संसाधनों और कठिन पहाड़ी जीवन के बावजूद यहां के युवाओं में राष्ट्र के प्रति समर्पण बचपन से ही दिखाई देता है।

सरहदों डटे हिमाचल के वीर

हिमाचल के दूर-दराज गांवों से निकलकर युवा भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हिमाचल की बेटियां भी इस गौरवशाली परंपरा में बराबर की भागीदार बन चुकी हैं। प्रदेश के कई वीर सपूतों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनकी शहादत आज भी युवाओं को प्रेरणा देती है।

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सात युवक बने अग्निवीर

इसी कड़ी में पांवटा साहिब उपमंडल के शिलाई क्षेत्र के युवाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि देशभक्ति और राष्ट्रसेवा यहां की मिट्टी में रची-बसी है। ग्राम पंचायत अजरौली के जासवी गांव के सात युवकों का भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में चयन हुआ है, जिससे पूरे क्षेत्र में गर्व और उत्साह का माहौल है।

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सात युवकों ने बढ़ाया गांव का मान

भारतीय सेना में चयनित युवकों में सुजल, करन, संजीव, करन, अभिषेक, रोहित और ऋषभ शामिल हैं। जैसे ही इनके चयन की खबर गांव पहुंची, घर-घर खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर और एक-दूसरे को बधाइयां देकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया। गांव में बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी इन युवाओं की सफलता को अपनी जीत मान रहे हैं।

39 सैनिक दे रहे हैं देश की सेवा

जासवी गांव की खास बात यह है कि यहां से अब तक 39 युवक भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं या दे रहे हैं। यह आंकड़ा बताता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद यहां के युवाओं में देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। सेना में सेवा करना जासवी गांव में केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक परंपरा और गर्व का विषय माना जाता है।

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खेलों में भी बनाई अलग पहचान

सिर्फ सेना ही नहीं, जासवी गांव ने खेल जगत में भी अपनी पहचान बनाई है। गांव के अनिल जस्टा और विमल जस्टा ने प्रो कबड्डी लीग में हिस्सा लेकर राष्ट्रीय स्तर पर गांव का नाम रोशन किया है। इससे साफ है कि जासवी के युवाओं में शारीरिक फिटनेस, अनुशासन और प्रतिस्पर्धा की भावना बचपन से ही विकसित होती है।

पंचायत और ग्रामीणों का सहयोग

ग्राम पंचायत अजरौली की प्रधान चमेली देवी ने कहा कि जासवी गांव के युवाओं में बचपन से ही अनुशासन, मेहनत और देशसेवा की भावना देखने को मिलती है। उन्होंने बताया कि गांव का सामाजिक माहौल, बुजुर्गों का मार्गदर्शन और माता-पिता की सोच युवाओं को सेना और खेलों की ओर प्रेरित करती है। पंचायत स्तर पर भी युवाओं को शारीरिक गतिविधियों और सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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युवाओं के लिए बना प्रेरणा स्रोत

जासवी गांव की यह उपलब्धि आसपास के गांवों के युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही है। चयनित अग्निवीरों ने अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम, परिवार के सहयोग और गांव के सकारात्मक वातावरण को दिया है। उनका कहना है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो पहाड़ों से निकलकर भी देश की सेवा की जा सकती है।

पूरे क्षेत्र में गर्व का माहौल

सात युवकों के एक साथ सेना में चयन ने शिलाई और पांवटा साहिब क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। जासवी गांव आज न सिर्फ एक गांव है, बल्कि राष्ट्रसेवा, अनुशासन और खेल भावना की एक मिसाल बनकर उभरा है। यह गांव आने वाली पीढ़ियों को भी देश के लिए समर्पित होने की प्रेरणा देता रहेगा।

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