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September 9, 2025

हिमाचल के सरकारी स्कूल से पढ़ा स्वास्तिक, अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन बढ़ाया माता-पिता का मान

स्वास्तिक राणा की इस उपलब्धि से घर-घर में जश्न का माहौल है।

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Lieutenant Swastik Rana

सिरमौर। कहते हैं कि मेहनत की राह पे जो चलता है, वो मंजिल को जरूर पाता है, कदम अगर हों सच्चाई के साथ, तो नाम इतिहास में दर्ज हो जाता है। इन लाइनों को बखूबी चरितार्थ कर दिखाया है हिमाचल के सिरमौर जिले के बेटे स्वास्तिक राणा ने।

सेना में लेफ्टिनेंट बना गांव का बेटा

नाहन विधानसभा क्षेत्र की कौलांवालाभूड़ पंचायत के ढांगवाला गांव का नाम इन दिनों गर्व और खुशी से गूंज रहा है। यहां के होनहार बेटे स्वास्तिक राणा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है।

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रिवार में जश्न और गर्व का माहौल

स्वास्तिक राणा की इस उपलब्धि से घर-घर में जश्न का माहौल है। माता-पिता के चेहरे गर्व से खिले हुए हैं। पिता सहदेव सिंह चौहान, जो सीएचटी के पद पर कार्यरत हैं, और माता बिंदु बाला, जो एक गृहिणी हैं, बेटे की इस सफलता पर बेहद प्रसन्न हैं। वर्तमान में यह परिवार चंडीगढ़ के पास जीरकपुर में रह रहा है। बेटे की उपलब्धि ने पूरे परिवार के जीवन में सुनहरा पल जोड़ दिया है।

बचपन से ही होनहार थे स्वास्तिक

स्वास्तिक राणा की शिक्षा यात्रा प्रेरणादायक रही है। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने अपने गांव की सरकारी स्कूल से प्राप्त की। पांचवीं कक्षा के बाद उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ, जिसने उनकी प्रतिभा को एक नई दिशा दी। यहीं से उन्होंने अपने जीवन को अनुशासन और परिश्रम से संवारते हुए आगे बढ़ाया और सेना में अधिकारी बनने का सपना साकार किया।

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हकीकत में बदला सपना

स्वास्तिक दो भाइयों में छोटे हैं। बड़े भाई का नाम आशीष राणा है। बचपन से ही स्वास्तिक पढ़ाई में अव्वल और व्यवहार में अनुशासित रहे। उन्हें भारतीय सेना में जाने का सपना बचपन से ही था, और उन्होंने उसी सपने को हकीकत में बदल दिया। उनकी लगन और मेहनत ने साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो तो कठिनाइयाँ रास्ते में टिक नहीं सकतीं।

माता-पिता का बढ़ाया मान

माता-पिता ने बेटे की इस कामयाबी पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह पल उनके लिए जीवन का सबसे अनमोल क्षण है। उन्होंने कहा कि स्वास्तिक न केवल उनका नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि पूरे क्षेत्र का गौरव बढ़ा रहे हैं। अब वह सेना में ऑफिसर के रूप में देश की सेवा करेंगे और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेंगे।

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