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September 23, 2025
हिमाचल की ऊंची चोटी पर 4 युवकों ने फहराया तिरंगा, महज 6 दिन में पूरा किया कठिन ट्रैक
अल्पाइन शैली की कठिन परीक्षा
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शिमला। हिमालय की दुर्गम चोटियों में शुमार मानीरंग चोटी (6,593 मीटर / 21,630 फीट) को हिमाचल प्रदेश के चार पर्वतारोहियों की एक टीम ने सफलतापूर्वक फतह कर लिया है। यह सफलता 20 सितम्बर दोपहर 2:26 बजे दर्ज हुई, जब दल ने शिखर पर पहुँचकर भारत का तिरंगा लहराया।
बतौर रिपोर्टस, इस साहसिक अभियान का नेतृत्व हमीरपुर निवासी पेशेवर पर्वतारोही विशाल ठाकुर ने किया। उनके साथ दल में अमन चौहान, बृज मोहन केवला और तेजा सिंह शामिल रहे। यह चढ़ाई अल्पाइन शैली में की गई, जिसे पर्वतारोहण की सबसे कठिन और जोखिमपूर्ण तकनीक माना जाता है।
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इस अभियान की सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि इसमें टीम को किसी गाइड, पोर्टर, कुक या पशुओं की मदद नहीं मिली। पर्वतारोहियों ने सारा सामान यानी भोजन, रस्सियां, तकनीकी उपकरण खुद अपने कंधों पर ढोया और महज 6 दिनों में चढ़ाई को पूरा किया।
विशाल ठाकुर ने इससे पहले अगस्त में भी मानीरंग शिखर पर चढ़ाई की कोशिश की थी, लेकिन लगातार बारिश और खराब मौसम ने उन्हें वापिस लौटने पर मजबूर कर दिया। हार न मानते हुए उन्होंने सितंबर में एक नई टीम बनाई और फिर से चुनौती स्वीकार की। इस बार उनकी लगन और हिम्मत रंग लाई।
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विशाल इससे पहले भी कई बड़े अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं। इनमें ब्लैक पीक (काला नाग), कालिंदी खाल एक्सपीडिशन, फ्रेंडशिप पीक, पिन पार्वती पास, युनम पीक, कनामो पीक जैसी चोटियाँ शामिल हैं। अब उनका अगला लक्ष्य हिमाचल प्रदेश की एक और दुर्गम चोटी रियो पूर्गिल को फतह करना है।
सफलता के बाद टीम लीडर विशाल ठाकुर ने भावुक होकर कहा "मानीरंग हमारे लिए सिर्फ़ एक पर्वत नहीं था, बल्कि साहस और धैर्य की अंतिम परीक्षा थी। अगस्त में मौसम ने हमें रोक दिया था, लेकिन हमने ठान लिया था कि इस बार पीछे नहीं हटेंगे। अल्पाइन शैली में बिना किसी बाहरी मदद के शिखर तक पहुँचना हम सभी के लिए गर्व और जीवनभर का अनुभव है।"