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June 4, 2025

हिमाचल: फौजी की बेटी ने 3 बार चखा असफलता का स्वाद, चौथे प्रयास में पास की IFS परीक्षा

हिमाचल की बेटी सपना बनी भारतीय वन सेवा में अधिकारी 

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Sapna Chandel Bilaspur

बिलासपुर। बेटियां अगर ठान लें, तो पर्वत भी झुक जाते हैं इस बात को हिमाचल के बिलासपुर जिला की बेटी सपना चंदेल ने सच कर दिखाया है। बिलासपुर जिला की इस बेटी सपना चंदेल ने कड़ी मेहनत से भारतीय वन सेवा परीक्षा पास कर ली है। बिलासपुर जिले की सपना चंदेल ने इस परीक्षा को पास कर अपने परिवार के साथ साथ गांव और जिला को गौरवान्वित कर दिया है। इस परीक्षा को पास करने के बाद अब सपना चंदेल वन सेवा में बड़ी अधिकारी बन गई है। 

कड़ी मेहनत से पाई सफलता

बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल की तलवाड़ पंचायत की रहने वाली सपना चंदेल ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया है। जैसे ही उनकी सफलता की खबर गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई। गांव में कदम रखते ही सपना का स्वागत ढोल-नगाड़ों, फूल मालाओं और जयकारों के साथ किया गया।

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पूर्व फौजी की बेटी ने नहीं मारी हार

पूर्व सैनिक रविंद्र चंदेल की बेटी सपना शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। उनकी मां एक साधारण गृहिणी हैं, लेकिन सपना के बड़े सपनों में परिवार ने हर कदम पर उसका साथ दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के साथ ही सपना ने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने कोचिंग का सहारा लिया, लेकिन बाद में अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से ही मंजिल तक पहुंचने का रास्ता तय किया।

 

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तीन बार हुई असफल, चौथी बार में पाई सफलता

बड़ी बात यह है कि सपना ने यह परीक्षा अपने चौथे प्रयास में पास की है। इससे पहले सपना अपने तीन प्रयासों में असफल रही, लेकिन फौजी की बेटी ने असफलता से हार नहीं मानी और प्रयास जारी रखा और आख़िरकार सफलता हासिल की। भारतीय वन सेवा की मुख्य परीक्षा में उन्होंने फॉरेस्ट्री और जूलॉजी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना। उन्होंने बताया कि सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और अनुशासन बनाए रखना भी सफलता की कुंजी रहा।

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सपना की युवाओं से अपील

सपना की इस उपलब्धि से न केवल उनके माता.पिता, बल्कि पूरे तलवाड़ गांव और बिलासपुर जिले में गर्व का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सपना चंदेल अब क्षेत्र की युवतियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं। सपना की इस सफलता को देखकर गांव की अन्य युवतियां भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगी। सपना ने युवाओं से अपील की है कि असफलता से डरें नहीं, बल्कि उसे अनुभव बनाएं। निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। सपना ने यह भी कहा कि अगर मेहनत ईमानदारी से की जाए तो सफलता एक दिन ज़रूर मिलती है।

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सपना चंदेल जैसी बेटियां यह साबित कर रही हैं कि हिमाचल की धरती नारी शक्ति की मिसाल बन चुकी है। शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, खेल या रक्षा हर क्षेत्र में हिमाचली बेटियां आज बड़े.बड़े मुकाम हासिल कर रही हैं और समाज के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

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