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December 25, 2025
हिमाचल : मर्चेंट नेवी में अफसर बना गांव का बेटा, 10वीं-12वीं में भी किया था टॉप- परिवार भावुक
आर्यन ने 10वीं में 97%, 12वीं में हासिल किए 93% अंक
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कांगड़ा। वीरभूमि हिमाचल के युवाओं में बचपन से ही देश सेवा करने का जज्हा रचा-बसा होता है। पहाड़ों की गोद में पलने वाला हर बच्चा अपने आसपास सैनिकों की वर्दी, शहीदों की कथाएं और राष्ट्रभक्ति के संस्कार देख-समझकर बड़ा होता है।
हिमाचल के युवाओं के लिए सेना, अर्धसैनिक बल या पुलिस सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सम्मान और सेवा का माध्यम है।आज प्रदेश के गांवों से निकलकर हजारों युवा भारतीय सेना में भर्ती हो देश की रक्षा कर रहे हैं। होनहारों की सूची में अब कांगड़ा जिले के एक होनहार बेटे ने भी अपना नाम जोड़ लिया है।
आपको बता दें कि तहसील बड़ोह के गांव सुन्ही टीका (पंडोल ) की वार्ड नंबर-6 के रहने वाले आर्यन कुमार चौधरी ने भारतीय मर्चेंट नेवी में उच्च पद हासिल किया है। आर्यन ने ये सफलता हासिल कर अपने परिवार, गांव का और प्रदेश का नाम रोशन किया है। आर्यन की इस सफलता के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर है।

पढ़ाई की बात करें तो आर्यन पढ़ाई में हमेशा टॉपर रहे। आर्यन ने स्कूली शिक्षा हिमालयन स्कूल नगरोटा बगवां से पूरी की। आर्यन ने दसवीं कक्षा में 97.76 प्रतिशत और 12वीं (नॉन-मेडिकल) में 93 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेशभर के टॉपरों में अपनी जगह बनाई।
साल 2024 में आर्यन ने भारतीय मर्चेंट नेवी की प्रवेश परीक्षा दी। परीक्षा उत्तीर्ण कर आर्यन ने महाराष्ट्र स्थित ग्रेट इस्टर्न इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैरीटाइम स्टडीज (GEIIMS) में कड़े इंटरव्यू और मेडिकल जांच की प्रक्रिया को पार किया। मैरिट लिस्ट के सभी मानदंडों को पूरा करने के बाद इसी साल जनवरी महीने में आर्यन ने DNS कैडेट के रूप में ट्रैनिंग शुरू की।
इसके बाद आर्यन ने नौकरी के लिए देहरादून स्थित NDA और मुंबई में पूरा एक साल अपनी ट्रेनिंग और पढ़ाई पूरी की। एक साल के कठिन परिश्रम के बाद बीते 19 दिसंबर को उन्होंने GEIIMS से स्नातक की डिग्री हासिल कर उन्होंने भारतीय मंर्चेंट नेवी में प्रतिष्ठित पद हासिल किया।
आर्यन चौधरी ने बताया कि वो बचपन से ही भारतीय मर्चेंट नेवी में जाकर देश सेवा करना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने रात-दिन अपने सपने को पूरा करने की मेहनत की। उन्होंने बताया कि उनकी इस कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके माता-पिता का है- जिन्होंने उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं आने दी।
उनका कहना है कि उनके माता-पिता, परिवार व शिक्षकों ने हमेशा उन्हें उनके लक्ष्य को पाने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसक नतीजा आज आप सबके सामने है। वहीं, आर्यन की सफलता पर उनके परिजन बेहद भावुक नजर आए हैं। परिजनों ने बताया कि आर्यन बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार था। अब आर्यन ने ये सफलता हासिल कर पूरे क्षेत्र में उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।