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June 14, 2025

हिमाचल: दादा ने भरा देश सेवा का जज्बा, पोता अनुज भारतीय सेना में बन गया लेफ्टिनेंट

शिक्षक माता पिता का बेटा भारतीय सेना में बना लेफ्टिनेंट

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Anuj Vashisht  lieutenant Indian Army

ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले के बेटे ने अपने दादा के सपने को साकार कर दिया। हरोली उपमंडल की ग्राम पंचायत सलोह घालवाल का युवा अनुज वशिष्ठ भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। अनुज क्षेत्र, परिवार और पूरे प्रदेश का गौरव बन गया है। अनुज ने देहरादून स्थित प्रतिष्ठित इंडियन मिलिट्री अकादमी से पास आउट होकर भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में कमीशन प्राप्त किया है। उनकी इस ऐतिहासिक सफलता पर पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल है।

दादा का सपना बना मार्गदर्शक

लेफ्टिनेंट अनुज वशिष्ठ एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां शिक्षा और अनुशासन की गहरी जड़ें हैं। उनके पिता सुरेश कुमार और माता सुनीता नैन दोनों ही शिक्षा विभाग में अध्यापक हैं। बहन गीतांजलि वशिष्ठ एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। अनुज की सेना में जाने की प्रेरणा उनके स्वर्गीय दादा मास्टर राजा राम से मिली, जो स्वयं एक शिक्षक थे और जीवनभर राष्ट्रसेवा की भावना से प्रेरित रहे। बचपन से ही अनुज को अपने दादा ने देशसेवा के लिए तैयार किया और अनुज ने भी दादा के उस स्वप्न को साकार करते हुए लेफ्टिनेंट बनकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी।

 

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शिक्षा की ठोस बुनियाद से मिली ऊंची उड़ान

अनुज वशिष्ठ की प्रारंभिक शिक्षा वर्ष 2018 में डीएवी पब्लिक स्कूल ऊना से हुई, जिसके बाद उन्होंने 12वीं कक्षा वर्ष 2020 में एसवीएम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चौकी मीनार, ऊना से उत्तीर्ण की। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक एनआईटी राउरकेला, उड़ीसा में प्रवेश लिया। मार्च 2020 से सितंबर 2021 तक बीटेक की पढ़ाई करने के दौरान ही उन्होंने प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी की एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण कर यह सिद्ध कर दिया कि वे केवल पढ़ाई में ही नहीं, संकल्प और समर्पण में भी अव्वल हैं।

 

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एनडीए से लेकर आईएमए तक का सफर

एनडीए में चयनित होने के बाद अनुज ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी गया (बिहार) में कड़ी सैन्य ट्रेनिंग शुरू की। इसके बाद सिकंदराबाद और देहरादून में उन्होंने कठोर और अनुशासित सैन्य जीवन को अपनाते हुए चार वर्षों की कठिन ट्रेनिंग पूरी की। इस यात्रा का समापन इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में शानदार पासिंग आउट परेड के साथ हुआ, जहां अनुज को सेना में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त किया गया।

गांव में जश्न का माहौल

अनुज वशिष्ठ की इस अभूतपूर्व उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे गांव को गर्व से भर दिया है। सलोह घालवाल में अनुज की कामयाबी को लेकर जश्न का माहौल है। पंचायत प्रधान से लेकर स्थानीय विद्यालयों के अध्यापक, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा उन्हें प्रेरणा का स्रोत मान रहे हैं।

 

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अनुज ने जताया आभार

अपनी सफलता का श्रेय देते हुए अनुज ने कहा कि यह मुकाम मेरे स्वर्गीय दादा.दादीए माता-पिता, बहन, गुरुजनों और मित्रों के आशीर्वाद और सहयोग से ही संभव हुआ है। यह सिर्फ मेरा सपना नहीं थाए बल्कि मेरे परिवार और गांव का भी सपना था, जिसे मैंने साकार किया।

प्रेरणा स्रोत बनते युवा

अनुज वशिष्ठ आज युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श बन चुके हैं। उनका यह सफर दर्शाता है कि यदि दृढ़ संकल्प, कठोर परिश्रम और परिवार का सहयोग होए तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। उनकी यह उपलब्धि हिमाचल के उन युवाओं के लिए एक उदाहरण है, जो सेना में जाकर राष्ट्रसेवा करने का सपना देखते हैं।

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