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June 19, 2025

हिमाचल : पैसों की कमी के बावजूद पिता ने खूब पढ़ाई बेटी- अब डॉक्टर बन बढ़ाएगी परिवार का मान

कभी पैसों की तंगी रही, कभी संसाधनों की कमी- लेकिन नहीं मानी कभी हार

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Ankita Pundir

सिरमौर। कहते हैं कि जो मेहनत से नाता जोड़ लेते हैं, वही मुश्किलों से रिश्ता तोड़ लेते हैं। जो सपनों को हकीकत बना दें अपने दम पर, वही इतिहास में नाम छोड़ देते हैं। ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है सिरमौर जिले की बेटी अंकिता पुंडीर ने।

छा गई गरीब परिवार की अंकिता

सीमांत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध गिरिपार क्षेत्र की बेटी अंकिता पुंडीर ने NEET 2025 परीक्षा में सफलता पाकर न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे देवामानल पंचायत, गिरिपार क्षेत्र और हाटी समुदाय का नाम रोशन कर दिया है।

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NEET किया क्वालीफाई

पूर्व उपप्रधान वीरधन पुंडीर की तीसरी बेटी अंकिता ने तमाम विपरीत परिस्थितियों को पार करते हुए यह कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षा पास की है। अंकिता की सफलता सिर्फ एक परीक्षा का परिणाम नहीं, बल्कि वो मिसाल है जो यह दर्शाती है कि जब जुनून सच्चा हो और इरादे बुलंद, तो किसी भी सपने को हकीकत में बदला जा सकता है।

संघर्षों में पली-बढ़ी, सफलता की मिसाल बनी

अंकिता का बचपन और शैक्षणिक सफर तमाम कठिनाइयों से भरा रहा। पारिवारिक सीमित आय, गांव की साधारण सुविधाएं, और कोचिंग का अभाव- इन सबके बीच भी अंकिता ने हार नहीं मानी। खुद ही घर पर किताबों से पढ़कर, अपनी लगन और अनुशासन के दम पर उसने NEET जैसी परीक्षा को पार किया।

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एक परिवार, चार दिशाओं में सफलता की उड़ान

वीरधन पुंडीर का परिवार आज उस सपने की तरह नजर आता है, जिसे मेहनत और शिक्षा ने आकार दिया है। बड़ी बेटी दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में बतौर नर्सिंग प्रोफेशनल कार्यरत है। मंझली बेटी सोलन से JBT प्रशिक्षण ले रही है। बेटा भारतीय सेना में देश सेवा कर रहा है और अब अंकिता ने NEET पास कर मेडिकल क्षेत्र में कदम रखकर परिवार की सफलता की चौथी ईंट जोड़ दी है।

बहुत देखी पैसों की तंगी

अंकिता के पिता ने कहा कि हमने कभी अपने बच्चों के सपनों को पैसों की वजह से छोटा नहीं होने दिया। खुद मेहनत की, खेत-खलिहान से लेकर मजदूरी तक की, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। आज अंकिता की कामयाबी हमारी सबसे बड़ी पूंजी बन गई है।

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युवाओं के लिए बनी प्रेरणा

अंकिता की सफलता खासकर हाटी समुदाय के उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी कुछ बड़ा करने का सपना देखते हैं। देवामानल से लेकर गिरिपार के कोने-कोने में आज उत्साह है, हर माता-पिता को यह विश्वास मिला है कि सही दिशा और समर्थन से उनके बच्चे भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

लोगों में जश्न का माहौल

अंकिता की इस उपलब्धि के बाद देवामानल पंचायत और आसपास के गांवों में बधाइयों का तांता लग गया है। पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों, समाजसेवियों और हाटी समुदाय के गणमान्य लोगों ने अंकिता को फूलों और मिठाई से सम्मानित किया और उसकी हौसला अफजाई की।

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