#उपलब्धि
September 8, 2025
हिमाचल की बेटी अदिति ने रचा इतिहास, भारतीय वायुसेना में बनी फ्लाइंग ऑफिसर
छोटे गांव से लेकर आसमान तक का सफर, युवाओं के लिए बनी मिसाल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की शांत पहाड़ियों के बीच बसे ठियोग उपमंडल के छोटे से गांव चियोग (बागड़ी) की बेटी अदिति चंदेल ने वह कर दिखाया है, जिसका सपना हजारों युवा देखते हैं। अदिति अब भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बन चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में बैंगलुरू स्थित वायुसेना प्रशिक्षण केंद्र से अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर 6 सितम्बर को यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
अदिति की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उनके पिता राजिंद्र चंदेल, वर्तमान में शिमला स्थित एजी कार्यालय में वरिष्ठ लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता आशा चंदेल एक समर्पित गृहिणी हैं।
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अदिति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चियोग स्थित महेश्वरी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लक्कड़ बाजार शिमला से जमा दो (नॉन मेडिकल) की पढ़ाई पूरी की। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखते हुए उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर से बीटेक की डिग्री हासिल की। बचपन से ही अदिति एक मेधावी छात्रा रही हैं। कक्षा पांचवीं से लेकर स्नातक तक उन्होंने हर वर्ष छात्रवृत्तियां प्राप्त कीं, जो उनके शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण हैं। उनकी मेहनत, लगन और अनुशासन ने उन्हें वायुसेना के कठिन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में सहायता की।
आज जब अधिकांश युवा शहरी संसाधनों की कमी का बहाना बनाते हैं, अदिति चंदेल जैसे उदाहरण यह साबित करते हैं कि संघर्ष और संकल्प से कोई भी मुकाम दूर नहीं। हिमाचल प्रदेश के दूरदराज गांवों से निकलकर देश की रक्षा सेवाओं में अपना परचम लहराना आसान नहीं होता, लेकिन अदिति ने यह कर दिखाया। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि हिमाचल की युवा पीढ़ी अब सिर्फ पहाड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि देश के आसमान की ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। आज प्रदेश के युवा विज्ञान, तकनीक, रक्षा, खेल और कला जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
ऐसे होनहार युवाओं की सफलता से न केवल समाज प्रेरित होता हैए बल्कि यह राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक संदेश है कि यदि गांवों में उचित शिक्षा और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए तो हमारी युवा पीढ़ी चमत्कार कर सकती है। अदिति चंदेल की कहानी न केवल एक व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह हिमाचल के हज़ारों युवाओं के लिए एक नई उम्मीद,एक नई दिशा है।