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August 1, 2025

हिमाचल : घर की ओर जा रहे भेड़पालक पर दरकी पहाड़ी, पत्थरों की चपेट में आने से निकले प्राण

मूसलधार बारिश ने जनजीवन किया अस्त-व्यस्त

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Kangra News

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है। भारी बारिश के कारण जगह-जगह पर नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ रहा है और भूस्खलन हो रहा है। पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं- जिसकी चपेट में कई लोग और वाहन भी आ रहे हैं।

भेड़ पालक की मौत

इसी कड़ी में अब ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से सामने आया है। जहां पर खपीन जोत में पत्थर गिरने से एक भेड़पालक की मौत हो गई है- जो कि शाहपुर का रहने वाला था। इस घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।

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घर जा रहा था भेड़पालक

बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त भेड़पालक घर की ओर जा रहा था। इसी दौरान अचानक पहाड़ी दरक गई और भेड़पालक भारी-भरकम पत्थरों की चपेट में आ गया। इस घटना में उसकी दर्दनाक मौत हो गई। भेड़पाल की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है।

5 जिलों में अलर्ट

मौसम विभाग ने आज के लिए सूबे के पांच जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहे की सलाह दी है। मौसम विभाग ने कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में आज हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि आगामी दिनों में तेज बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई गई है।

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जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

आपको बता दें कि बीते तीन दिन की मूसलधार बारिश ने प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था, जिससे 289 सड़कें बंद हो गई थीं और 346 बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप हो गए थे। अब मानसून की रफ्तार कुछ धीमी पड़ने के बाद, बहाली के कार्यों में तेजी लाई जा रही है।

किसानों और बागवानों की चिंता गहराई

बरसात के इस दौर ने किसानों और बागवानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जहां एक ओर खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं सेब, आड़ू, नाशपाती जैसे फलों की तुड़ाई और परिवहन पर भी असर पड़ रहा है।

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मंडियों तक नहीं पहुंच रहा सामान

कुल्लू, शिमला और सिरमौर के ऊपरी इलाकों में बागवानों को अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। कई जगह संपर्क मार्ग धंसे पड़े हैं, जिससे ट्रकों और लोडिंग गाड़ियों की आवाजाही ठप है। किसान संगठन अब सरकार से राहत पैकेज और सड़कें जल्द बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

स्कूली बच्चों के लिए भी चुनौती भरा मौसम

लगातार हो रही बारिश ने स्कूली बच्चों की परेशानी भी बढ़ा दी है। गांवों व दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को स्कूल जाने के लिए बंद सड़कों और कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है। कई स्कूलों में उपस्थिति भी प्रभावित हुई है। कुछ जगहों पर स्कूल भवनों की छतें टपक रही हैं तो कहीं बारिश के पानी ने आंगनबाड़ी और सरकारी विद्यालयों की कक्षाओं को जलभराव में डुबो दिया है।

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अब तक 170 की मौत, 36 लापता

राज्य में मानसून सीजन ने इस साल भी कहर बरपाया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 170 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 30 मौतें बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुईं। 36 लोग अब भी लापता हैं। इस दौरान प्रदेश को 1599 करोड़ रुपए की निजी और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिसमें घरों का बह जाना, पुलों का टूटना, बिजली व पानी की लाइनों का क्षतिग्रस्त होना शामिल है।

प्रशासन अलर्ट, लोगों से अपील

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बारिश के दौरान नदियों, नालों के पास न जाएं, पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा से पहले सड़क स्थिति की जानकारी लें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को सूचित करने को कहा गया है।

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