#हादसा
July 19, 2025
हिमाचल : जलजले ने छीना पति, सास और मकान- दो मासूमों को सीने से लगाकर दर-दर भटक रही सरला
बाड़ा पंचायत की सरला देवी पर टूटा आपदा का पहाड़
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी स्थित सराज घाटी की त्रासदी ने मंडी को ऐसे घाव दिए हैं, जिनका दर्द शब्दों से नहीं मापा जा सकता। बाड़ा पंचायत की सरला देवी आज भी उस रात की चीखों से जाग जाती हैं। जब रात के करीब 11 बजे मलबे की गर्जना सुनाई दी, तब छह कमरों वाला उनका घर पलक झपकते ही बिखर गया।
पति विधि सिंह अपनी मां मुंगेरी देवी को बचाने के लिए दौड़ा लेकिन दोनों की लाशें ही बाद में मलबे से निकलीं। सरला की आंखों के सामने उसकी पूरी दुनिया उजड़ गई। पति और सास दोनों त्रासदी का ग्रास बन गए और सरला के लिए जीवन भर के जख्म दे गए।
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सरला की गोद में पांच और आठ साल के दो मासूम हैं। साथ में हैं बुजुर्ग ससुर, जिन्हें अब वह अकेले संभाल रही हैं। राहत के नाम पर पंचायत भवन में रातें काट रही है। सिर छुपाने को न तो घर है और न ही कहीं कोई जमीन, जहां दोबारा से जिंदगी शुरू की जा सके।
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सरला की पीड़ा सिर्फ अपनों को खोने की नहीं है। अब उसे दो बच्चों और एक बुजुर्ग के साथ नई जिंदगी की नींव भी रखनी है। मगर बिना जमीन, बिना छत यह सपना भी जैसे किसी मलबे के नीचे दबा पड़ा है।
प्रशासन ने शुरुआती राहत के रूप में 20 हजार रुपए दिए हैं, मगर मलबे ने जो कुछ लिया है, वो इस रकम से कभी नहीं लौट सकता। सरकारी रिकॉर्ड में राहत दर्ज हो गई है, लेकिन हकीकत में सरला के पास उस जगह भी अब कोई घर नहीं बन सकता, जहां उसका आशियाना था।
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वीर मंडल मंडी की टीम बाढ़ पीड़ितों तक राहत पहुंचा रही है। सरला देवी को दस हजार रुपए की मदद दी गई है। साथ ही, 55 परिवारों को राशन, कंबल, कपड़े और रसोई का सामान भी मुहैया करवाया गया। थुनाग क्षेत्र में 68 क्विंटल राशन वितरित किया गया है। हर परिवार को तीन-तीन हजार की आर्थिक मदद भी दी गई है।