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June 10, 2025

हिमाचल के शिपकी-ला से दिखेगा चीन बॉर्डर, सीएम सुक्खू ने किया शुभारंभ; जानें कैसे मिलेगी एंट्री

अभी सिर्फ भारतीय ही कर पाएंगे यात्रा, विदेशियों को नहीं मिलेगी अनुमति

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Shivkila Pass

किन्नौर। हिमाचल प्रदेश में पर्यटक की दृष्टि से एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया। आज से शिपकी-ला पास पर्यटकों के लिए खुल गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज भारत चीन सीमा पर पहुंचकर शिपकी-ला पास को पर्यटन गतिविधियों के लिए खोल दिया है। अब देश भर के पर्यटक शिपकी-ला पास जा सकेंगे और चीन वार्डर को भी देख पाएंगे।  आजादी के बाद यह पहला मौका है जब आम नागरिक इस ऐतिहासिक दर्रे तक पहुंच सकेंगे।

चेक पोस्ट पर पहचान के बाद मिलेगी अनुमति

शिपकी-ला की यात्रा करने वाले पर्यटकों को खाब गांव की आईटीबीपी चेक पोस्ट पर पहचान पत्र यानी आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। इसी के बाद उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। अभी तक पर्यटक सिर्फ खाब तक ही पहुंच सकते थे। लेकिन अब इस दर्रे के खुलने से पर्यटक चीन सीमा तक जा सकेंगे। बता दें कि नेशनल हाईवे.5 पर खाब आखिरी पवाइंट है। खाब से शिपकिला की दूरी 32 किलोमीटर है। शिपकी-ला पहुंचक पर्यटक चीन के बॉर्डर के पास पहुंच सकेंगे और यहां से चीन को निहार सकेंगे। इसके अलावा यहां से सतलुज और स्पीति नदी का संगम स्थल, नाको में बौद्ध मॉनेस्ट्री और लेक को भी पर्यटक करीब से निहार सकेंगे।

 

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केंद्र से उठाएंगे कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुमति की मांग

उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार शिपकी-ला के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र से अनुमति मांगेगी। इस रूट से यात्रा शुरू होने पर दूरी करीब 91 किलोमीटर कम हो जाएगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार से चीन अधिकृत तिब्बत के साथ ऐतिहासिक व्यापार मार्ग को फिर से खोलने की भी मांग की जाएगी। एक समय में शिपकिला के जरिए भारत.तिब्बत के बीच वाणिज्यिक लेनदेन होता था।

 

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रात में रुकने की अनुमति नहीं

पर्यटक शिपकिला पास से चीन की सीमा, शिपकी गांव, सतलुज.स्पीति नदी संगम, और नाको मठ और झील के मनोरम दृश्य देख सकेंगे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से रात में रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पर्यटकों को सुबह जाकर शाम तक वापस लौटना अनिवार्य होगा। वहीं शुरुआत में रोजाना 250 से 300 पर्यटकों को ही शिपकिला जाने की अनुमति दी जाएगी। जिसका कारण यहां की सिंगल सड़क है। फिलहाल यह दर्रा केवल भारतीय पर्यटकों के लिए खुला है। विदेशियों को अभी यहां जाने की अनुमति नहीं दी गई है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही आगे किसी बदलाव की संभावना है।

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सर्दियों में बंद रहेगा मार्ग

शिपकिला की समुद्र तल से ऊंचाई 12,893 फीट है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह मार्ग बंद हो जाता है। आमतौर पर नवंबर से अप्रैल तक यहां बर्फ जमी रहती है, जिससे यात्रा संभव नहीं होती। ऐसे में यहां पर्यटक साल के 12 महीने नहीं जा पाएंगे। सर्दियों में यह पर्यटक स्थल पूरी तरह से बंद रहेगा।

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कैसे पहुंचे शिपकिला दर्रा

शिपकी-ला पहुंचने के लिए पर्यटक पहले चंडीगढ़ या शिमला पहुंच सकते हैं। यहां से वह एनएच-5 के माध्यम से किन्नौर जिला के रिकांगपियो, पूह, नामज्ञा या खाब पहुंच सकते हैं। खाब से 32 किमी आगे टैक्सी या निजी वाहन से शिपकिला दर्रे की यात्रा की जा सकेगी।

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