#यूटिलिटी
June 13, 2025
Breaking: हिमाचल के स्कूलों में बदलेगी टाइमिंग, यह होगा खुलने और बंद होने का समय
शिक्षा विभाग ने सभी जिला उपायुक्तों को भेजा पत्र
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। मैदानी क्षेत्रों में तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है, जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सेहत पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है।
जिला ऊना में एक एनसीसी कैंप के दौरान 14 छात्र गर्मी के कारण बीमार पड़ गए, जिससे सरकार और शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए स्कूलों के समय में संशोधन करने के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने यह कदम छात्रों और शिक्षकों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए उठाया है।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र भेजा है, जिसमें स्कूलों की टाइमिंग में तत्काल बदलाव करने की सिफारिश की गई है। प्राथमिक और उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी आधिकारिक निर्देशों में सुझाव दिया है कि स्कूलों को अब सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक संचालित किया जाए, ताकि भीषण गर्मी से बच्चों को राहत मिल सके। यह समय स्कूली बच्चों और स्टॉफ के लिए मान्य होंगे।
यह भी पढ़ें : हिमाचल: बालिका आश्रम में 19 साल की युवती ने दी जा*न, आखिर क्या हुआ उसके साथ ?
फिलहाल अधिकांश सरकारी स्कूल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चल रहे हैं, जो इस मौसम में बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है। खासकर कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, सोलन जिले के बीबीएन क्षेत्र, सिरमौर जिले का पांवटा साहिब और नाहन जैसे इलाकों में स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है। भीषण गर्मी के चलते बच्चांे को स्कूल जाने और छुट्टी के बाद घर आने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
ऊना जिले में एक एनसीसी कैंप के दौरान गर्मी से 14 कैडेट्स की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में कुछ को अस्पताल में भर्ती भी कराना पड़ा। यह घटना शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ा संकेत बनी, जिससे अब गर्मी से सुरक्षा को लेकर स्कूलों में कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि गर्मी के चरम समय पर स्कूलों में ग्राउंड एक्टिविटी जैसे खेलकूद कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। साथ ही सुबह की प्रार्थना सभा को छोटा करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि छात्र धूप में ज्यादा देर खड़े न रहें। इतना ही नहीं छात्रों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए सभी स्कूलों में दो बार वाटर ब्रेक अनिवार्य रूप से दिए जाएंगे। इसके तहत प्रत्येक कक्षा के बच्चों को निर्धारित समय पर पानी पीने की अनुमति दी जाएगी, ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिल सके और शरीर में पानी की कमी न हो।
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के उपनिदेशकों से कहा है कि वे स्कूलों की नई टाइमिंग लागू करने के बाद इसकी जानकारी शिक्षा निदेशालय को भेजें। विभाग ने यह भी बताया कि अभिभावकों की ओर से भी कई जिलों में स्कूल टाइम बदलने की मांग की गई थी, जिसे अब गंभीरता से लिया गया है।