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February 4, 2025
हिमाचल: हड़ताल पर जाएंगे ये शिक्षक, सरकार को दी चेतावनी; पढ़ाई पर पड़ेगा असर
लाठी मारो या जेल भेजो, मांग पूरी होने तक चलती रहेगी हड़ताल
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। आए दिन प्रदेश में हड़ताल प्रदर्शन हो रहे हैं। अब अपनी मांगों को लेकर शिक्षक वर्ग सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है। बड़ी बात यह है कि मार्च माह में स्कूलों में परीक्षाएं होनी हैं और इससे पहले यह शिक्षक हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। अब देखना यह है कि सीएम सुक्खू इन शिक्षकों को हड़ताल पर जाने से कैसे रोकते हैं।
दरअसल हिमाचल प्रदेश में एसएमसी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी अध्यापकों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। 21 फरवरी को यह एसएमसी शिक्षक सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और कक्षाओं का बहिष्कार करेंगेे। एसएमसी शिक्षकांे की इस हड़ताल का सीधा असर मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ सकता है।
इन शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 21 फरवरी से पहले सरकार ने एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने पर कोई निर्णय नहीं लिया, तो वह कक्षाओं का बहिष्कार कर देंगे, जिसकी जिम्मेदारी सुक्खू सरकार की होगी। सरकार यदि समय रहते कोई फैसला नहीं लेती तो एस शिक्षक आर पार की लड़ाई लड़ेंगे और जेल जाने में भी गुरेज नहीं करेंगे।
अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 2400 से ज्यादा एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। चुनाव के समय कांग्रेस ने बड़ी बड़ी बातें की थी, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद एसएमसी अध्यापकों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। जिसके खिलाफ एसएमसी अध्यापकों ने आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है।
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कई बार इसको लेकर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिले लेकिन टाल मटोल की जा रही है, जिससे एसएमसी अध्यापक बेहद आहत हैं। अब एसएमसी अध्यापक 21 फरवरी से सरकार के खिलाफ सचिवालय के बाहर धरने पर बैठेंगे और जब तक मांगे पूरी नहीं होती आंदोलन चलेगा। भले ही इसके लिए अध्यापकों को लाठी खानी पड़े या फिर जेल जाना पड़े।
सुनील शर्मा ने कहा कि 7 मार्च 2024 को कैबिनेट ने एलडीआर के माध्यम से एसएमसी अध्यापकों को नियमितीकरण करने की मंजूरी दी थी। एक साल होने को हैए लेकिन सरकार ने इस दिशा में एक कदम भी नहीं बढ़ाया है। उनका कहना था कि सरकार ने समय मांगा-उन्होंने समय दिया, लेकिन अब सरकार को दो साल से ज्यादा का समय हो गया है और एलडीआर को मंजूरी मिले भी एक साल होने को आ गया है, परंतु एक भी एसएमसी को नियमित नहीं किया गया है।