चंडीगढ़/शिमला। हिमाचल के पड़ोसी राज्य चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की कथित धौसंबाजी से परेशान होकर पंजाब रोडवेज के चालकों व परिचालकों के संगठन ने बस स्टैंड शिफ्ट करने का फैसला लिया है। पंजाब रोडवेज के इस फैसले के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम का भी सीटीयू से टकराव बढ़ सकता है।
एचआरटीसी बसें सेंक्टर 43 को करेंगी बाय-बाय
सूत्रों के अनुसार, एचआरटीसी के नजरिए से भी पंजाब रोडवेज का निर्णय अहम है। दरअसल, एचआरटीसी की करीब 500 बसें चंडीगढ़ 43 सेक्टर से अप-डाउन करती हैं। एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा 43 सेक्टर बस स्टैंड पर बसों की पार्किंग के लिए हर महीने 35 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। जबकि, फेज-6 में यह खर्च 15 लाख होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पंजाब रोजवेज ने कहा अलविदा
बता दें कि बीते कल से पंजाब रोडवेज के चालकों और परिचालकों ने सेक्टर 43 की बजाय मोहाली फेस-6 के बस स्टैंड से बसों का संचालन करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि संगठन ने यह फैसला अपने स्तर पर लिया है। उन्होंने इसके लिए पंजाब रोजवेड के प्रबंधन की मंजूरी नहीं ली है।
सीटीयू की मनमानी से हैं परेशान
एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन ने पंजाब रोडवेज के इस फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सीटीयू की मनमानी से वह भी परेशान हैं। सीटीयू प्रबंधन द्वारा दूसरे राज्यों की बसों को बिल्कुल सुविधा नहीं दी जाती है।
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बसों को काउंटर पर सिर्फ पांच मिनट का समय देता है। मगर पार्किंग के लिए 1000 से 1200 रुपए तक की पार्किंग वसूल करता है। जबकि, उनकी अपनी बसें एक-एक घंटे तक काउंटर पर लगी रहती हैं।
हिमाचल में नहीं आने दी जाएंगी सीटीयू की बसें
इतना ही नहीं सीटीयू द्वारा साधारण बसों के परमिट को एसी बसों के संचालन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जिस कारण से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की बसों को वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
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एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन ने प्रबंधन से हिमाचल प्रदेश की बसों का संचालन मोहाली फेज-6 से करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर चंडीगढ़ में एचआरटीसी बसों की एंट्री बंद होती है तो हिमाचल में भी सीटीयू की बसों को आने नहीं दिया जाएगा।