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September 6, 2025
कौन हैं हिमाचल विधानसभा के सबसे युवा विधायक ? एक ने VIP नंबर के लिए खर्चे थे लाखों
85 साल के हैं सबसे बुजुर्ग विधायक
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 विधायक हैं। इस विधानसभा में 33 उम्र से लेकर 85 उम्र तक के विधायक शामिल हैं। 3 सबसे युवा विधायकों की बात करें तो ये तीनों 40 साल से कम उम्र के हैं। खास बात है कि इस लिस्ट में सबसे युवा विधायक एक महिला हैं।
1992 में जन्मीं अुनराधा राणा हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सबसे युवा विधायक हैं। ये चीज और खास हो जाती है क्यों लाहौल-स्पीति से वो पहली महिला विधायक हैं। 52 वर्षों बाद इस जिले को एक महिला विधायक मिली है।
साल 1972 में यहां से लता ठाकुर कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थीं। वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजदीकी और भाजपा प्रत्याशी रवि ठाकुर की माता थीं। 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में अनुराधा ने रवि ठाकुर को ही मात दी थी।
ऐसा कहा जाता है कि राणा ने जिला परिषद अध्यक्ष के तौर पर अच्छा काम किया। वे एक अच्छे प्रशासक के रूप में उभरीं। इसे के चलते जनता ने उनपर विश्वास जताया और विधायक बनाकर विधानसभा भेजा।
विक्रमादित्य को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। वे उस राजपरिवार से आते हैं जिसने सालों तक हिमाचल की राजनीति को अपनी शर्तों पर चलाया। अनुराधा राणा के बाद विक्रमादित्य सिंह दूसरे सबसे युवा नेता हैं।
17 अक्तूबर 1989 में जन्में विक्रमादित्य 36 वर्ष के हैं। विक्रमादित्य ने 2013 में सक्रिय रूप से राजनीति में प्रवेश किया और 2017 तक राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।
सिंह शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2017 व 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। 8 जनवरी, 2023 से वे हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री के पद पर हैं और वर्तमान में लोक निर्माण विभाग का कार्यभार संभाल रहे हैं।
BJP के 37 साल के दीप राज मंडी जिले की करसोग विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। दीप राज करसोग की भंथल पंचायत से संबंध रखते है। वे साल 2014 में भाजपा से जुड़े थे।
साल 2019 से दीप राज ने करसोग में कार्यकर्ता के तौर पर सेवाएं दीं। 2020 में उन्हें IT सेल करसोग BJP का संयोजक बनाया गया। पार्टी ने सेवाओं से खुश होकर उन्हें 2021 में भाजपा जिला IT सेल के प्रभारी का दायित्व सौंपा।
विधायक दीप राज ने साल 2024 में तब सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने 12.50 लाख में 0001 का फैंसी नंबर खरीदा था। उस वक्त राज्य सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए फैसला लिया था कि 0001 जैसे VIP नंबर भी अब नीलाम किए जाएंगे।