#यूटिलिटी
December 30, 2025
नए साल पर सुक्खू सरकार की नई व्यवस्था : अब बिजली के लिए मोबाइल की तरह करना होगा रिचार्ज
मोबाइल एप से होगी बिजली खपत पर सीधी निगरानी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए नया साल एक अहम बदलाव लेकर आ रहा है। प्रदेश में बिजली व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, आधुनिक और उपभोक्ता के हित में बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
जनवरी से राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड ने इस योजना को लागू करने की लगभग पूरी तैयारी कर ली है और इन दिनों मीटरों की तकनीकी जांच व टेस्टिंग का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।
बिजली बोर्ड के अनुसार प्रीपेड मीटर प्रणाली लागू होने से बिजली की अनावश्यक खपत पर नियंत्रण कर सकेंगे। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को मौजूदा पोस्टपेड व्यवस्था की तुलना में लगभग डेढ़ प्रतिशत तक सस्ती बिजली मिलने की संभावना है। इससे न केवल सरकारी विभागों का बिजली खर्च घटेगा, बल्कि ऊर्जा बचत को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रीपेड मीटर योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों को इस नई प्रणाली से जोड़ा जाएगा। इसके बाद औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को भी प्रीपेड मीटर लगाने का विकल्प दिया जाएगा। अगर सरकारी कार्यालयों में इसका अनुभव सकारात्मक रहता है, तो भविष्य में इसे बड़े स्तर पर लागू किए जाने की संभावना है।
प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को पहले से रिचार्ज कराना होगा, ठीक उसी तरह जैसे मोबाइल फोन में बैलेंस डलवाया जाता है। जितनी राशि का रिचार्ज किया जाएगा, उतनी ही बिजली उपयोग में लाई जा सकेगी। रिचार्ज खत्म होते ही बिजली आपूर्ति स्वतः बंद हो जाएगी। इससे न केवल बिजली के दुरुपयोग पर रोक लगेगी, बल्कि बकाया बिल और समय पर भुगतान न होने जैसी समस्याएं भी पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी।
बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक आदित्य नेगी ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाए जाने के बाद इसके प्रभाव और परिणामों का गहन मूल्यांकन किया जाएगा। अगर यह प्रणाली कारगर साबित होती है और उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलता है, तो औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को भी इस आधुनिक व्यवस्था से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।
इस नई व्यवस्था की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उपभोक्ता मोबाइल एप के जरिए अपनी बिजली खपत पर रोजाना नजर रख सकेंगे। किस समय कितनी बिजली खर्च हो रही है, कितनी यूनिट शेष हैं और रिचार्ज कब करवाना है-इससे जुड़ी पूरी जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध होगी। इससे सरकारी कार्यालयों में बेवजह जलती लाइटों, हीटर या अन्य उपकरणों पर रोक लगेगी और ऊर्जा संरक्षण की आदत विकसित होगी।
प्रीपेड मीटर प्रणाली बिजली बोर्ड के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। इससे बिल वसूली की समस्या खत्म होगी और बकाया राशि में भारी कमी आएगी। मीटर रीडिंग, बिल छपाई और वितरण पर होने वाला खर्च भी घटेगा। इसके अलावा गलत बिल, विवाद और शिकायतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे बोर्ड की कार्यप्रणाली और अधिक सुचारु हो सकेगी।