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April 4, 2025

हिमाचल: विमल नेगी मामले में डायरेक्टर देशराज को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मिली जमानत

हिमाचल हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी देशराज की अंतरिम जमानत

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शिमला। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में आरोपी बनाए गए डायरेक्टर देशराज को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। देशराज को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। इससे पहले देशराज ने हिमाचल हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई थी, जिसे हिमाचल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत प्रदान कर दी है।

 

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बता दें कि विमल नेगी की मौत के बाद से डायरेक्टर देशराज अंडरग्राउंड हो गए थे। वह 23 मार्च से गायब थे। जिसके चलते विमल नेगी मामले की जांच कर रही टीम पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा भी उनसे पूछताछ नहीं कर पाए थे। पुलिस काफी दिनों से देशराज की तलाश में जुटी हुई थी। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा था।

जांच में कर सकते हैं सहयोग

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि डायरेक्टर देशराज विमल नेगी मामले की जांच कर रहे ओंकार शर्मा के सामने पेश हो सकते हैं। क्योंकि पुलिस अब उनकी गिरफ्तारी नहीं कर सकती है। बता दें कि विमल नेगी की मौत के बाद उनके परिजनों ने डायरेक्टर देशराज के अलावा आईएएस हरिकेश मीणा और शिवम प्रताप पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि कार्यालय में यह अधिकारी विमल नेगी पर गलत काम करवाने का दवाब बना रहे थे। जिसके लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। 

 

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हरिकेश मीणा से दो घंटे पूछताछ

विमल नेगी मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कॉरपोरेशन के एमडी रहे हरिकेश मीणा से भरी दो घंटे तक पूछताछ की थी। पूछताछ में जांच अधिकारी ने उनसे पावर प्रोजेक्ट परियोजना मे लेन देन से लेकर पेखूबेला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट ऊना पर उठ रहे सवालों पर सवाल जवाब किए। हरिकेश मीणा से पूछताछ और अपना पक्ष रखने के लिए सचिवालय बुलाया गया था। जहां उनसे दो घंटे तक लंबी पूछताछ चलती रही।

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किन मुद्दों पर पूछे गए सवाल

जांच अधिकारी ओंकार शर्मा ने बताया कि हरिकेश मीणा से पेखूबेला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट ऊना पर उठ रहे सवालों को लेकर पूछताछ की गई। इसके अलावा पावर प्रोजेक्ट परियोजनाओं के लेनदेन के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली गई। जांच अधिकारी ने बताया कि पावर कॉरपोरेशन कर्मचारियों और पूर्व अधिकारियों की ओर से जयपुर कोठी को लेकर लगाए गए आरोपों के बारे में भी मीणा से सवाल जवाब किया गया।

मीणा ने जांच अधिकारी को क्या बताया

सूत्रों की मानें तो हरिकेश मीणा ने जांच अधिकारी को बताया है कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर काम का बोझ अधिक नहीं डाला गया है। पावर प्रोजेक्ट में जिस कर्मचारी या अधिकारी का जो भी दायित्व था वह वही काम करता थाए कर्मचारियों और अधिकारियों को दिए गए दायित्व के अलावा दूसरा काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जाता था। विमल नेगी किस बात से परेशान थेए इसको लेकर उन्होंने कभी कोई बात साझा नहीं की। हरिकेश मीणा ने बताया कि प्रोजेक्ट की कोई भी फाइल उनके पास अंत में आती थी।

 

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क्या है पूरा मामला

बता दें कि एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को शिमला से बिलासपुर निजी टैक्सी से गए थे। उसके बाद से वह लापता था। इसी बीच 18 मार्च को गोविंदसागर झील से उनका शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उनकी मौत 14 मार्च को डूबने से हुई थी। वहीं विमल नेगी के परिजनों का आरोप है कि पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर पर्सनल शिवम प्रताप और डायरेक्टर देशराज की मानसिक प्रताड़ना के कारण उन्होंने ऐसा कदम उठाया था।

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