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August 22, 2025

हिमाचल की बेटी ने जूडो एशिया कप में जीता गोल्ड मेडल, पति भी है ओलंपियन बॉक्सर

हिमाचल की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर रचा इतिहास

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Himachal Sports News

मंडी। हिमाचल प्रदेश की बेटियां आए दिन अपनी कड़ी मेहनत से नए-नए आयाम स्थापित कर रहीं हैं। जिससे देश-विदेश में उनकी सफलता का डंका बाज रहा है। इस कड़ी में प्रदेश की एक और बेटी का नाम जुड़ गया है, जिसने जॉर्डन की राजधानी अम्मान में आयोजित जूडो एशिया कप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

फाइनल में मिस्र की खिलाड़ी को हराया

जानकारी के अनुसार, मंडी ज़िले के नाचन क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली इनूंगनबी ने एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है, जिस पर न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश को गर्व है।  यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि इनूंगनबी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जूडो में गोल्ड जीतने वाली हिमाचल प्रदेश की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। यह प्रतियोगिता 17 से 20 अगस्त तक चली, जिसमें इनूंगनबी ने चार कठिन मुकाबले खेले।

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शुरुआत से ही उन्होंने अपने दमदार खेल का प्रदर्शन किया। क्वार्टर फाइनल में लेबनान की खिलाड़ी को हराया, सेमीफाइनल में जॉर्डन की प्रतिभावान जूडोका को मात दी और फाइनल में मिस्र की मजबूत खिलाड़ी के खिलाफ बेहतरीन जीत दर्ज की। हर मुकाबले में उनका आत्मविश्वास और खेल कौशल साफ झलक रहा था।

देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत

इनूंगनबी की इस कामयाबी के पीछे उनका हालिया राष्ट्रीय स्तर का अनुभव भी बड़ा कारण रहा। कुछ ही समय पहले उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ओलंपियन गरिमा को परास्त कर गोल्ड मेडल जीता था। उस जीत ने न केवल उनके आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती से उतरने की प्रेरणा भी दी। इस ऐतिहासिक पल पर उनके पति और टोक्यो ओलंपियन बॉक्सर आशीष चौधरी ने गर्व व्यक्त किया। 

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उन्होंने कहा कि इनूंगनबी की सफलता यह साबित करती है कि सच्ची मेहनत और निरंतर लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। आशीष का मानना है कि उनकी यह जीत न सिर्फ हिमाचल की बेटियों के लिए, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

हिमाचल खेल इतिहास का सुनहरा अध्याय

मंडी की यह बेटी आज हर युवा खिलाड़ी के लिए उम्मीद और मेहनत का प्रतीक बन गई है। लोग इसे हिमाचल के खेल इतिहास का सुनहरा अध्याय मान रहे हैं और विश्वास जता रहे हैं कि इनूंगनबी आगे भी भारत का नाम रोशन करती रहेंगी।

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