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October 1, 2025

डिप्टी CM को मिली बहुत बड़ी जिम्मेदारी : हिमाचल में चलाएंगे 'वोट चोर, गद्दी छोड़' अभियान

कुलदीप राठौर बने अभियान के सह-संयोजक

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Vote Chor Gaddi Chor Campaign Himachal Coordinator Mukesh Agnihotri

शिमला। हिमाचल प्रदेश में त्योहारी मौसम के साथ ही सियासी हलचल भी तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने देशभर की तर्ज पर यहां भी "वोट चोर, गद्दी छोड़" हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत कर दी है।

डिप्टी CM को मिली बहुत बड़ी जिम्मेदारी

अभियान को मजबूत बनाने के लिए हिमाचल कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने बुधवार को संगठनात्मक जिम्मेदारियां बांट दीं। प्रदेश स्तर पर इस अभियान के संयोजक उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को बनाया गया है, जबकि सह-संयोजक की जिम्मेदारी ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर को सौंपी गई है।

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हिमाचल में चलाएंगे 'वोट चोर, गद्दी छोड़' अभियान

इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी होगी कि वे न केवल प्रदेशभर में अभियान का नेतृत्व करें बल्कि जिला स्तर पर पर्यवेक्षकों के साथ तालमेल बनाकर इसे जमीनी स्तर तक प्रभावी ढंग से पहुंचाएं। इस अभियान के जरिए पार्टी का मकसद केंद्र सरकार पर दबाव बनाना और जनता को यह संदेश देना है कि सत्ता में बैठी भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ कर रही है।

Vote Chor Gadii Chor Abhiyan

जिलों में जिम्मेदारी का बंटवारा

प्रभारी रजनी पाटिल ने 12 जिलों के लिए भी पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। पार्टी का मानना है कि जिला स्तर पर प्रभावशाली और सक्रिय नेताओं की भागीदारी से यह हस्ताक्षर अभियान ज्यादा असरदार होगा।

  • लाहौल-स्पीति – विधायक अनुराधा राणा
  • किन्नौर – मंत्री जगत सिंह नेगी
  • शिमला – विधायक हरीश जनार्था
  • सोलन – विधायक विनोद सुल्तानपुरी
  • ऊना – विधायक विवेक शर्मा
  • हमीरपुर – विधायक सुरेश कुमार
  • कांगड़ा – विधायक किशोरी लाल
  • चंबा – विधायक नीरज नायर
  • मंडी – विधायक चंद्रशेखर
  • कुल्लू – भुवनेश्वर गौड़
  • बिलासपुर – मंत्री राजेश धर्मानी
  • सिरमौर – विधायक अजय सोलंकी

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अभियान का उद्देश्य

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह अभियान सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि जनता की आवाज़ को दस्तावेज़ के रूप में दर्ज करने की कोशिश है। लोगों से हस्ताक्षर करवा कर पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि देश की जनता "वोट की चोरी" और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी।

हिमाचल में कांग्रेस की रणनीति

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस अभियान के बहाने कांग्रेस हिमाचल में भाजपा को घेरने के साथ-साथ अपने संगठन को भी सक्रिय करना चाहती है। विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस सरकार को अब डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है और इस दौरान पार्टी संगठन को मजबूत करने पर भी फोकस किया जा रहा है। अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव, शहर-शहर जाकर हस्ताक्षर एकत्रित करेंगे और बाद में इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सौंपा जाएगा।

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