शिमला। हिमाचल में चार लोकसभा के साथ छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं। इसके लिए जहां भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। वहीं सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) भी लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए बिसात बिछा रही है।
कांग्रेस अपने दो सिटिंग विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रही है। मंडी संसदीय सीट पर विक्रमादित्य सिंह को जबकि शिमला से विनोद सुल्तानपुरी को चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। ऐसे में अगर यह दोनों ही विधायक लोकसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो हिमाचल में सुक्खू सरकार के विधायकों की संख्या और कम हो जाएगी।
वीरभद्र के परिवार का गढ़ रही है मंडी सीट
बता दें कि मंडी संसदीय सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस का कब्जा रहा है। यहां से पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह तीन तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। पुराने आंकड़ों को देखते हुए ही कांग्रेस यहां से पहले प्रतिभा सिंह को उतारने की तैयारी कर रही थी, लेकिन बाद में अब विक्रमादित्य सिंह के नाम पर मुहर लगी है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक घोषणा होना बाकी है।
शिमला सीट पर छह बार सासंद रहे हैं केडी सुल्तानपुरी
इसी तरह से शिमला संसदीय सीट पर कांग्रेस विनोद सुल्तानपुरी को चुनावी मैदान में उतार कर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। इसी तरह से शिमला संसदीय सीट भी विनोद सुल्तानपुर के पिता का गढ़ रही है।
पुराने आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां से विनोद सुल्तानपुरी के पिता दिवंगत केडी सुल्तानपुरी लगातार छह बार सांसद रह चुके हैं। जिसके चलते ही कांग्रेस ने यहां से विनोद सुल्तानपुरी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी की है।
विक्रमादित्य-विनोद के जीतने पर भी कांग्रेस के पास रहेगा बहुमत
वहीं विक्रमादित्य सिंह और विनोद सुल्तानपुरी को लोकसभा चुनाव में उतारकर भी हिमाचल की कांग्रेस सरकार बहुमत में रहेगी। हिमाचल में कांग्रेस के पास इस समय 34 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 25 विधायक हैं।
अगर तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले मंजूर नहीं होते हैं तो तो सदन 65 विधायकों का ही रहेगा। ऐसे में अगर कांग्रेस अपने दो विधायकों को लोकसभा टिकट देती है और वह यह चुनाव जीत जाते हैं तब भी कांग्रेस के पास विधायकों का आंकड़ा 32 रहेगा।
छह सीटें जीत कर भी भाजपा बहुमत से रहेगी दूर
वहीं अगर बीजेपी विधानसभा की सभी छह सीटों पर उपचुनाव जीत जाती है तब भाजपा के पास विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 31 हो जाएगी। लेकिन फिर भी वह बहुमत साबित नहीं कर सकेगी।
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क्योंकि कांग्रेस और भाजपा को 31-31 मत प्राप्त होंगे। ऐसे में मुकाबला बराबरी पर रहने विधानसभा अध्यक्ष का मत निर्णायक होगा। वहीं अगर कांग्रेस उपचुनाव में एक भी सीट जीत गई तो कांग्रेस सरकार और मजबूत हो जाएगी। उनके पास विधायकों की संख्या 33 हो जाएगी।
युवा चेहरों पर कांग्रेस खेलेगी दांव
बता दें कि हिमाचल में कांग्रेस अपने उम्मीदवारों का चयन सोच समझ कर कर रही है। कांग्रेस युवा चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी में है। कांग्रेस कुटलैहड़ से विवेक शर्मा को टिकट दे रही है। जबकि गगरेट से किसी महिला को प्रत्याशी बनाने की योजना है। बीते दिनों दिल्ली में हुई पार्टी की बैठक में इस बाबत चर्चा भी हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम चौंकाने वाले होंगे।
निर्दलीय के इस्तीफे पर बना संशय
तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों का मामला अभी भी विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। नालागढ़, हमीरपुर और देहरा में एक जून को ही चुनाव होंगे या नहीं यह फैसला इनके इस्तीफे के मंजूर होने के बाद ही होगा।